सेबुः भारत से करीब हजारों किलोमीटर दूर एक देश है फिलिपीन्स और यहां बसता है सेबु नाम का एक शहर। यहां रहने वाली सात साल की एक बच्ची के साथ कुछ दिन पहले एक ऐसी घटना हुई, जिसके बारे में उसने कभी सोचा भी न होगा। दरअसल, बच्ची ने फूड पांडा ऐप के माध्यम से खाना ऑर्डर किया था। कुछ ही देर बाद लड़की के घर के बाहर एक जैसा खाना लेकर 42 फूड डिलिवरी राइडर्स पहुंच गए। नजारा कुछ ऐसा था कि जिस इलाके में लड़की का घर था, वहां बस फूड डिलिवरी राइडर्स ही दिख रहे थे।
क्या है पूरा मामला?
एक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, फूड डिलिवरी ऐप्लिकेशन में गड़बड़ी और धीमे इंटरनेट कनेक्शन की वजह से ये हुआ। बच्ची के घर के पास रहने वाले दान कायेन सुआरेज नाम के एक व्यक्ति ने इस पूरी घटना का फेसबुक लाइव भी किया, जिसमें उसने बताया कि “बच्ची ने उस वक्त ऑर्डर किया, जब इंटरनेट कनेक्शन धीमा चल रहा था, तब एक ऐरर आया। अब चूंकि ऑर्डर में ऐरर दिखा रहा था, उसने दोबारा ऑर्डर किया। कई बार यही प्रोसेस रिपीट हुई।”
दादी के साथ रहती है बच्ची
सुआरेज ने आगे बताया कि बच्ची के पैरेंट्स जॉब करते हैं। इसलिए सुबह घर से काम पर चले जाते हैं। घर पर बच्ची अपनी दादी के साथ रहती है। दोनों खाना खा सकें, इसके लिए बच्ची के अभिभावक उनके पास स्मार्टफोन और कुछ पैसे छोड़कर जाते हैं। बच्ची अक्सर ही ऑनलाइन खाना ऑर्डर करती थी, लेकिन इसके पहले इस तरह की घटना कभी नहीं हुई। इस बार बच्ची ने चिकन फिलेट और फ्रेंच फ्राइस ऑर्डर किया था। एक ऑर्डर की कीमत करीब 289 रुपए थी। 42 ऑर्डर की कीमत हो गई 12138 रुपए। जब 42 ऑर्डर एकसाथ बच्ची के घर पहुंचे, तो वो रोने लगी। शायद इसलिए कि उसके पास केवल एक ही ऑर्डर का बिल चुकाने के लिए पैसे थे, दूसरा ये सोचकर कि वो और उसकी दादी इतना सारा खाना कैसे खाएंगे।
लोगों ने बढ़ाया मदद का हाथ
हालांकि सोसायटी के कुछ लोगों ने बच्ची की दिक्कत कम करने के लिए खुद से ऑर्डर खरीदे। सुआरेज के फेसबुक लाइव से भी मदद मिली, इसे देखकर ऑर्डर खरीदने वाले लोग सामने आए। वहीं कुछ राइडर्स को बाकी जगह भी ऑर्डर डिलिवर करने थे, वो लेट हो रहे थे, इसलिए कुछ बिना पैसे लिए ऑर्डर लेकर वापस लौट गए। सुआरेज ने बताया कि उन्होंने फूड पांडा मैनेजमेंट से भी इस मुद्दे पर कॉन्टैक्ट करने की कोशिश की थी, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया। सुआरेज ने खुद भी चिकन फिलेट के बॉक्स खरीदे।