
लाहौरः पाकिस्तान में दो नाबालिग हिंदू लड़कियों का कथित रूप से निकाह करवाने वाले मौलवी को गिरफ्तार कर लिया गया। इन नाबालिग हिंदू लड़कियों का अपहरण के बाद जबरन धर्म परिवर्तन करा दिया गया था। इन नाबालिग लड़कियों ने पंजाब प्रांत की एक अदालत से सुरक्षा की गुहार लगायी है।
इससे पहले यह मामला सामने आने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जांच के आदेश दिए थे। रिपोर्टों के मुताबिक होली की पूर्व संध्या पर सिंध के घोटकी जिले में कुछ दबंगों ने रवीना (13) और रीना (15) नाम की दो नाबालिग लड़कियों को अगवा कर लिया था। इसके कुछ समय बाद ही एक वीडियो वायरल हुआ। इसमें एक मौलवी दोनों लड़कियों का निकाह कराते हुए दिख रहा था। वहीं, एक अन्य वीडियो में दोनों नाबालिगों को यह कहते हुए सुना गया कि उन्होंने अपनी इच्छा से इस्लाम कुबूल किया है। माना जा रहा है कि यह वीडियो इनको धमकी देकर बनवाया गया है। सूत्रों ने नवीनतम मीडिया खबरों के हवाले से कहा कि दोनों लड़कियों को पंजाब प्रांत के रहीम यार खान ले जाया गया।
भारत ने उठाया धर्म-परिवर्तन का मुद्दा
भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंध प्रांत में रविवार को दो हिंदू किशोरियों के कथित अपहरण और उन्हें बलपूर्वक इस्लाम धर्म स्वीकार करवाने का मुद्दा उठाया। वहीं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी के बीच इस मुद्दे को लेकर वाकयुद्ध छिड़ गया। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान को ‘नोट वर्बल’ जारी करके घटना को लेकर अपनी चिंता साझा की है और अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की रक्षा और उनकी सुरक्षा एवं कल्याण को बढ़ावा देने के लिए उचित कदम उठाने का आह्वान किया है।
स्वराज ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने घटना पर पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया से रिपोर्ट मांगी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस मामले में पहले ही जांच के निर्देश जारी कर चुके हैं। वहीं पाकिस्तान के कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने दावा किया है कि यह जबर्दस्ती धर्मपरिवर्तन और अपहरण का एक और मामला है। ऐसे मामले सिंध प्रांत के दक्षिणी क्षेत्र में आम हो रहे हैं।
इस्लाम के उपदेशों से हुई प्रभावित- मौलवी
एक अन्य वीडियो में एक मौलवी कह रहा है कि लड़कियां मुस्लिमों द्वारा घिरे इलाके में रहती थीं और वे इस्लाम के उपदेशों से प्रभावित हुईं और धर्म परिवर्तन करना चाहती थीं। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, एक प्राथमिकी दहरकी पुलिस थाने में पीड़ितों के भाई शमन दास द्वारा दर्ज करायी गई हैं।
सूत्रों ने कहा कि दास ने दावा किया कि 20 मार्च को वह अपने घर पर अपने परिवार के साथ था और तभी हथियारों से लैस होकर छह व्यक्ति उनके घर में घुस आए। शिकायतकर्ता ने कहा कि उन छह व्यक्तियों ने परिवार के सदस्यों को बंधक बना लिया और दोनों लड़कियों को हथियारों के बल पर ले गए।