
ढांकाः 2004 के ग्रेनेड हमला मामले में बुधवार को बांग्लादेश की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान को उम्रकैद और 19 लोगों को फांसी की सजा सुनाई है। ढाका के फास्ट ट्रैक ट्रिब्यूनल के न्यायाधीश शाहिद नुरुद्दीन ने यह फैसला सुनाया। इस हमले में 24 लोग मारे गए थे और उस समय विपक्षी पार्टी की प्रमुख रहीं शेख हसीना सहित करीब 500 लोग घायल हो गए थे। बांग्लादेश की मौजूदा प्रधानमंत्री हसीना को लक्ष्य बनाते हुए यह हमला 21 अगस्त, 2004 को अवामी लीग की एक रैली पर किया गया था। हसीना इस हमले में बच गईं थीं लेकिन उनके सुनने की क्षमता को कुछ नुकसान हुआ था। पूर्व गृह राज्य मंत्री लुत्फोजमां बाबर उन 19 लोगों में शामिल है जिन्हें अदालत ने बुधवार को सजा-ए-मौत सुनाई।
प्रायोजित था हमला
जांच में पाया गया कि रहमान समेत बीएनपी नीत सरकार के प्रभावी धड़े ने आतंकवादी संगठन हरकतुल जिहाद अल इस्लामी के आतंकवादियों से यह हमला कराने की योजना बनाई थी और हमले को प्रायोजित किया था।
लंदन में हैं तारिक
रिपोर्ट के अनुसार रहमान पर उसकी गैरमौजूदगी में मुकदमा चला और अदालत ने उसे एक भगोड़ा करार दिया था। वह फिलहाल लंदन में रह रहा है और माना जा रहा है कि उसने वहां शरण मांगी है। हालांकि ब्रिटिश अधिकारियों ने उसकी आव्रजन स्थिति के बारे में बताने से इनकार कर दिया है। वहीं, गृह मंत्री असदुजमां खान कमाल ने फैसले के बाद कहा कि सरकार भगोड़े दोषियों को वापस लाने के लिए कदम उठा रही है।