कृष्णदास पार्थ, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : मशहूर फिल्म निर्देशक राजकुमार हिरानी ने शनिवार को कहा कि हर फिल्म की शुरुआत एक विचार या किरदार से होती है और यह यात्रा किसी स्टार्टअप जैसी ही होती है। वे मर्चेंट्स चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एमसीसीआई) द्वारा आयोजित विशेष सत्र में बोल रहे थे।
फिल्में सिर्फ़ मनोरंजन नहीं, बल्कि विचारों की झलक
हिरानी ने कहा – मेरी फिल्में सिर्फ़ सामाजिक संदेश भर नहीं देतीं, बल्कि जीवन की झलक दिखाती हैं। चाहे *पीके* हो या *3 इडियट्स*, हर किरदार एक सवाल खड़ा करता है और दर्शक से जुड़ाव बनाता है। उन्होंने *पीके* के किरदार का उदाहरण देते हुए कहा कि तर्कवादी नज़रिये से सरकार और समाज के ढोंग को उजागर करना ही उस फ़िल्म का मूल था।
हर नई फिल्म, एक नए उत्पाद की तरह
हिरानी ने फिल्म निर्माण को बिजनेस से जोड़ते हुए कहा – हर नई फिल्म बाजार में आने वाले नए उत्पाद की तरह है। इसमें प्रमोटर का उत्साह और रिसर्च उतना ही अहम होता है। कई बार यह यात्रा विचार से शुरू होती है और कभी-कभी सीधे किरदार से।”
सकारात्मकता और रचनात्मकता पर जोर
उन्होंने कहा कि नकारात्मकता किसी को श्रेष्ठ नहीं बनाती, बल्कि रचनात्मक आलोचना और सकारात्मक दृष्टिकोण ही समाज को आगे ले जाते हैं। सिर्फ़ निंदक होना एक नकारात्मक गतिविधि है। समाधान ढूँढना और आगे बढ़ना ही असली ताकत है।
सहज वृत्ति और प्रेरणा
निर्देशक ने यह भी कहा कि फ़िल्म निर्माण में सहज वृत्ति (instinct)बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आपके पास सहज वृत्ति नहीं है तो आप दर्शकों को प्रभावित नहीं कर सकते। हर अच्छी फ़िल्म की नींव उसी सहजता में होती है।” हिरानी ने कहा, हम सब मिलकर अगर डिजाइन करें तो देश और समाज को बेहतर बना सकते हैं। विचार ही असली राज्य व्यवस्था है और कला उसका प्रतिबिंब।
किया स्वागत
इससे पहले एमसीसीआई अध्यक्ष प्रीति ए. सुरेका ने हिरानी का स्वागत करते हुए कहा कि वे विनम्र और आशावादी व्यक्तित्व वाले फिल्मकार हैं, जिसकी झलक उनकी फिल्मों में साफ दिखाई देती है। वहीं, समापन पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुनीश झाझरी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और कहा कि कहानी सुनाना केवल कला ही नहीं, बल्कि उद्योग और समाज के लिए एक रणनीतिक उपकरण भी है।