सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से उच्च माध्यमिक स्तर पर गणित विषय के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है। उच्च माध्यमिक स्तर पर तीन अलग-अलग विषय होंगे, अर्थात् विज्ञान विभाग के लिए कॉम्प्क्स मैथ्स, वाणिज्य विभाग के लिए कॉमर्शियल मैथ्स और कला विभाग के लिए बेसिक गणित होंगे। शिक्षा संसद सूत्रों का कहना है कि सेट 1 विज्ञान विभाग का नंबर है। इनमें जटिल गणित जैसे कॉम्प्लेक्स फैक्टराइजेशन, इंटीग्रेटेड डिफ्रेंशियल कैल्क्यूलस या सॉल्विंग इिफ्रेंशियल इक्वेशन शामिल हैं। वे ग्यारहवीं-ग्यारहवीं कक्षा के विज्ञान विज्ञान में अधिक विस्तार और दायरे में होंगे। संसद द्वारा वाणिज्यिक गणित को सेट टू कहा गया है। अर्थशास्त्र, बिजनेस स्टडीज और अकाउंटेंसी विषयों के लिए ज्योतिष आधारित गणित की आवश्यकता होती है। उस गणित को कॉमर्स सेक्शन में शामिल किया जा रहा है। इसमें उच्च स्तरीय अंकगणित, बीजगणित, ज्यामिति और समन्वय ज्यामिति हैं। इसमें ज्योतिष (सांख्यिकी), संभाव्यता गणित और प्रतिगमन गणित शामिल हैं। शिक्षा संसद द्वारा कला विभाग को सेट थ्री कहा जाता है। इस ‘बेसिक गणित’ का पाठ्यक्रम बहुत ही सरल गणित से बना होगा। कोई त्रिकोणमिति नहीं होगी। इसके अलावा, कोई ‘एकीकृत विभेदक कैलकुलस’ या ‘विभेदक समीकरणों को हल करना’ नहीं होगा। सूत्रों के अनुसार, स्टूडेंट्स को माध्यमिक विद्यालय में जो अंक प्राप्त करने होंगे, वे उससे थोड़े अधिक होंगे। सेट तीन में वाणिज्य अनुभाग की तरह कुछ अंकगणित, बीजगणित, ज्यामिति और समन्वय ज्यामिति होंगे।
उच्च माध्यमिक के गणित विषय के पाठ्यक्रम में होगा बदलाव!
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