
नयी दिल्ली / कोलकाता : दिल्ली हाई कोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी के आधार पर पश्चिम बंगाल पुलिस की ओर से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों को जारी दो नोटिस पर रोक लगा दी है। अदालत ने कहा कि ईडी और तीन अधिकारियों द्वारा दायर याचिका के स्वीकार करने को चुनौती देने के लिए उठाई गई आपत्ति में प्रथम दृष्टया कोई दम नहीं है। न्यायूमर्ति रजनीश भटनागर ने सात दिसंबर को यह रोक लगाई थी और फैसले की विस्तृत प्रति शनिवार को उपलब्ध हुई। आदेश में अदालत ने कहा, ‘‘यह जरूरी है कि अंतरित राहत देने के सवाल पर विचार किया जाए। यह कानून की तय प्रक्रिया है कि किसी तरह की अंतरिम राहत देने के लिए तीन कसौटियों पर मामले को परखा जाए, ये हैं प्रथम दृष्टया मजबूत मामला, सुविधा में संतुलन और याचिककर्ता को अपूरणीय क्षति नहीं हो। इन सभी पर विचार करने के बाद मैंने पाया कि मौजूदा मामला अंतरिम राहत देने लिए उपयुक्त है।’’ अदालत ने कहा, ‘‘ इसलिए, इसे देखते हुए 5 अप्रैल 2021 को दर्ज प्राथमिकी को लेकर याचिकाकर्ता को 22 जुलाई 2021 और 21 अगस्त 2021 को जारी नोटिस को अमल पर लाने में अगले आदेश तक रोक लगाई जाती है।’’
राज्य पुलिस 4 सप्ताह में अपना जवाब दाखिल कर सकती है
अदालत ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस 4 सप्ताह में अपना जवाब दाखिल कर सकती है और याचिकाकर्ता जवाब आने के बाद दो सप्ताह में जवाब दाखिल कर सकते हैं। अदालत ने इसके साथ ही मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को सूचीबद्ध कर दी। ईडी ने आरोप लगाया है कि पश्चिम बंगाल पुलिस बनर्जी की ओर से काम कर रही है जिन्हें राज्य सरकार की शह प्राप्त है ताकि कथित कोयला चोरी की जांच को पटरी से उतारा जा सके।