ढाका : बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने कहा है कि शेख हसीना सरकार ने ‘सब कुछ नष्ट कर दिया। इसलिए संवैधानिक व न्यायिक सुधारों को लागू किये जाने के बाद ही आम चुनाव कराए जायेंगे। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित यूनुस ने एक साक्षात्कार में कहा कि हमें चुनाव कराने से पहले अर्थव्यवस्था, शासन, नौकरशाही व न्यायपालिका में व्यापक सुधार करने की आवश्यकता है। यूनुस ने दोहराया कि बांग्लादेश में अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में हसीना के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई समाप्त होने के बाद भारत को उन्हें प्रत्यर्पित कर देना चाहिए।मुकदमे की सुनवाई समाप्त होने के बाद निर्णय आने पर हम आधिकारिक तौर पर भारत से उन्हें सौंपने के लिए आग्रह करेंगे। दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत ‘भारत इसके अनुपालन के लिए बाध्य होगा’। यूनुस ने कहा कि हिंदुओं की सुरक्षा के बारे में भारत सरकार की चिंता तथ्यों पर आधारित नहीं है और जो कुछ कहा जा रहा है वह दुष्प्रचार है। यूनुस ने कहा कि उन्होंने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) को पुनर्जीवित करने का भी प्रस्ताव रखा है, जो भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों के कारण काफी हद तक निष्क्रिय है।
अगरतला में स्थित अपने वाणिज्य दूतावास की सेवाएं निलम्बित कीं: बांग्लादेश ने मंगलवार को भारतीय राजदूत को अपने विदेश कार्यालय में तलब किया और त्रिपुरा के अगरतला में स्थित अपने वाणिज्य दूतावास सेवाएं निलंबित करने की घोषणा की। यह घोषणा प्रदर्शनकारियों द्वारा वाणिज्य दूतावास में घुसने के एक दिन बाद की गई।
चिन्मय दास की जमानत याचिका 2 जनवरी तक स्थगित : चटगांव की एक अदालत में राजद्रोह के एक मामले में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की जमानत याचिका 2 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई क्योंकि उनके लिए कोई वकील पेश नहीं हुआ और बाद में उनके समर्थकों ने दावा किया कि उनके वकीलों को धमकी दी जा रही है।