बंगाल में डिजिटल संग्राम तेज, बीजेपी बनाम टीएमसी

बंगाल में डिजिटल संग्राम तेज, बीजेपी बनाम टीएमसी
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केडी पार्थ, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी जंग अब सोशल मीडिया के मोर्चे पर भी छिड़ गई है। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने 'डिजिटल योद्धा' अभियान की घोषणा कर ऑनलाइन लड़ाई का बिगुल फूंका है, तो भाजपा भी पीछे नहीं है। भगवा खेमे ने इसका जवाब देने के लिए दूसरे राज्यों से कई डिजिटल विशेषज्ञों को बंगाल बुलाने का फैसला किया है। दोनों पार्टियां अब सोशल मीडिया पर जनमत को साधने की रणनीति में जुट गई हैं।

डिजिटल मोर्चे पर उतरी टीएमसी

26वें विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी तृणमूल कांग्रेस अब मैदान से लेकर मोबाइल स्क्रीन तक हर मोर्चे पर सक्रिय है। पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने हाल ही में ‘डिजिटल योद्धाओं’ की एक नई टीम की घोषणा करते हुए सोशल मीडिया को सबसे प्रभावी चुनावी हथियार बताया। तृणमूल का लक्ष्य है कि बंगाल की जनता तक सीधे अपने संदेश पहुंचाए जाएं और विरोधी दलों की "बंगाली विरोधी साजिशों" का डिजिटल स्तर पर जवाब दिया जाए।

भाजपा ने बनाई सोशल मीडिया रणनीति

टीएमसी की इस पहल से भाजपा भी सक्रिय हो गई है। पार्टी ने घोषणा की है कि वह दूसरे राज्यों से पांच अनुभवी सोशल मीडिया विशेषज्ञों को बंगाल लाकर अपने डिजिटल अभियान की कमान सौंपेगी। ये विशेषज्ञ फेसबुक, एक्स (पूर्व ट्विटर), यूट्यूब, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म पर पार्टी की गतिविधियों को दिशा देंगे। बताया जा रहा है कि चुनाव तक ये विशेषज्ञ बंगाल भाजपा के लगभग आधे दर्जन संगठनात्मक क्षेत्रों के प्रभारी रहेंगे।

कोलकाता में हुई विशेष बैठक

भाजपा ने सोशल मीडिया रणनीति को धार देने के लिए कोलकाता में एक आपात बैठक बुलाई। इसमें पार्टी के केंद्रीय आईटी प्रभारी अमित मालवीय, राज्य संगठन सचिव अमिताभ चक्रवर्ती, और राज्य सोशल मीडिया संयोजक सप्तर्षि चौधरी सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बैठक में तय किया गया कि सोशल मीडिया को मजबूत किया जाएगा ताकि हर कार्यकर्ता ऑनलाइन पार्टी का संदेश फैला सके।

कार्यशालाओं से सशक्त होंगे कार्यकर्ता

भाजपा पहले ही जिलों के संयोजकों और सह-संयोजकों के लिए विशेष सोशल मीडिया कार्यशाला आयोजित कर चुकी है। भाजपा नेता के अनुसार, "कार्यशाला का उद्देश्य पार्टी के डिजिटल नेटवर्क को संगठित, मजबूत और जनोन्मुखी बनाना है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के जरिए कार्यकर्ताओं को अधिक सक्रिय, आत्मविश्वासी और जिम्मेदार बनाया जा रहा है ताकि हर कोई पार्टी का ‘डिजिटल सिपाही’ बन सके।

सोशल मीडिया पर ‘डिजिटल जंग’ का ऐलान

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बंगाल में इस बार सोशल मीडिया चुनाव प्रचार का सबसे बड़ा मंच बनने जा रहा है। तृणमूल ने जहां ‘डिजिटल योद्धाओं’ की फौज तैयार कर ली है, वहीं भाजपा ने जवाबी रणनीति के तहत ‘डिजिटल प्रभारियों’ की टीम खड़ी की है। नतीजतन, बंगाल का चुनावी संग्राम अब मैदान से निकलकर पूरी तरह मोबाइल की स्क्रीन पर पहुंच चुका है।

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