

सन्मार्ग संवाददाता
हुगली: समाज में पुलिस की भूमिका सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने तक ही सीमित नहीं रह गई है, बल्कि कई बार वे मानवीय संवेदनाओं का परिचय देते हुए कमजोर वर्ग की मदद कर समाज में विश्वास भी कायम करते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण हाल ही में हुगली जिले के पोलबा थाना क्षेत्र में देखने को मिला।
पोलबा थाना अंतर्गत महेशपुर इलाके में स्थित सुगंधा पुलिस कैंप के पास एक 45 वर्षीय मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला को भ्रमित अवस्था में भटकते हुए देखा गया। महिला की हालत ऐसी थी कि वह अपना नाम, पता या परिजनों की जानकारी स्पष्ट रूप से देने में असमर्थ थी। स्थानीय लोगों द्वारा दी गई जानकारी पर जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो उन्होंने महिला को सुरक्षित अपने संरक्षण में लिया और उसकी मदद के लिए तत्परता दिखाई।
पुलिस ने बिना समय गंवाए मोबाइल ड्यूटी ऑफिसर की सहायता ली और विभिन्न माध्यमों से महिला की पहचान और उसके परिवार का पता लगाने की कोशिश शुरू की। महिला की बातचीत और कुछ संकेतों के आधार पर पुलिस ने खोजबीन जारी रखी। लगातार प्रयासों के बाद अंततः महिला के परिजनों से संपर्क स्थापित हो सका। पुलिस ने यह सुनिश्चित किया कि महिला को पूरी तरह सुरक्षित और सम्मानपूर्वक उसके परिवार के सुपुर्द किया जाए।
महिला के घर लौटने पर उसके परिजन भावुक हो उठे और पुलिस का आभार प्रकट किया। इस मानवीय पहल को देखकर स्थानीय लोग भी बेहद प्रसन्न हुए और उन्होंने पुलिस की तत्परता की सराहना की। लोगों ने बताया कि इस प्रकार की संवेदनशील घटनाओं में पुलिस की सक्रियता समाज में भरोसे का वातावरण बनाती है।
पुलिस अधिकारियों ने भी इस घटना के बाद स्पष्ट किया कि मानसिक रूप से अस्वस्थ या लाचार व्यक्तियों की मदद करना उनकी प्राथमिकता में शामिल है। उन्होंने कहा कि समाज के कमजोर वर्ग की सुरक्षा और सहायता के लिए वे हमेशा तत्पर रहेंगे।
इस घटना ने यह साबित कर दिया कि पुलिस केवल कानून का पालन करवाने वाली संस्था नहीं है, बल्कि वह समाज के हर वर्ग की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती है। इस नेक पहल ने एक परिवार को न केवल उसकी खोई हुई सदस्य लौटा दी, बल्कि समाज में मानवता का संदेश भी दिया।