SIR के महत्वपूर्ण कार्य से जुड़े 13 BLOs के नाम ही 2002 की वोटर लिस्ट में नहीं!

The names of 13 BLOs associated with the important work of SIR are not in the voter list of 2002!
सांकेतिक फोटो REP
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नदिया (चाकदह): पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के चाकदह इलाके से मतदाता सूची और चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करने वाला एक अत्यंत चौंकाने वाला मामला सामने आया है। राज्य भर में जहाँ स्टेट इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट (SIR) प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक गहमागहमी है, वहीं चाकदह में पता चला है कि SIR जैसे महत्वपूर्ण कार्य की जिम्मेदारी संभाल रहे कई बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के नाम ही पुरानी वोटर लिस्ट में मौजूद नहीं हैं।

आधिकारिक पुष्टि से बढ़ी हलचल

इस गंभीर विसंगति की पुष्टि स्वयं चाकदह के ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (BDO) समीरन कृष्ण मंडल ने की है। उन्होंने बताया कि चाकदह ब्लॉक में कुल 322 BLO SIR के कार्य में संलग्न हैं, लेकिन उनमें से 13 BLO ऐसे हैं जिनके परिवार का नाम साल 2002 की वोटर लिस्ट में दर्ज नहीं है।

बीडीओ ने स्वीकार किया, "यह एक हैरान करने वाला तथ्य है कि जिस परिवार का नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं है, उसी परिवार के सदस्य SIR जैसे संवेदनशील कार्य में BLO के पद पर कार्यरत हैं।" SIR का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची की गहन जांच और शुद्धिकरण करना है, और इस कार्य से जुड़े अधिकारियों की अपनी साख पर ही सवाल उठने से पूरे क्षेत्र में राजनीतिक हलचल और प्रशासनिक चिंताएं बढ़ गई हैं।

एक BLO पर विशिष्ट आरोप

इस व्यापक विसंगति के बीच, चाकदह के तातला-1 नंबर ग्राम पंचायत के एक विशिष्ट BLO, रॉनी अधिकारी (पार्ट 91/130) पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। रॉनी अधिकारी विष्णुपुर हाड़ीपुकुर प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं। आरोप है कि:

  1. उनके माता-पिता ने साल 2016 में अवैध रूप से दस्तावेज़ बनवाए थे।

  2. इसके बाद, साल 2018 में रॉनी अधिकारी ने अपनी माँ को 'माँ' और पिता को 'दादा' (बड़े भाई) दिखाते हुए धोखे से अपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल करवाया।

यह मामला सामने आने के बाद जब रॉनी अधिकारी के परिवार से संपर्क किया गया, तो उन्होंने अपने बचाव में दावा किया कि चाकदह में ऐसे कई परिवार हैं जिनके साथ इस तरह की विसंगतियाँ मौजूद हैं।

बीडीओ ने भेजी रिपोर्ट

मामले की गंभीरता को देखते हुए, बीडीओ समीरन कृष्ण मंडल ने पुष्टि की है कि उन्होंने यह चौंकाने वाला डेटा और विसंगति की पूरी जानकारी संबंधित उच्च अधिकारियों को भेज दी है। उन्होंने कहा कि SIR प्रक्रिया अथॉरिटी के निर्देश के अनुसार शुरू की गई है, लेकिन इन BLOs से जुड़ी यह समस्या निश्चित रूप से जाँच का विषय है।

इस घटना ने न केवल चाकदह में बल्कि पूरे नदिया जिले में SIR की विश्वसनीयता और मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

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