परीक्षा रद्द होने का डर खत्म, एआई करेगा सही जांच

पहली बार सेमेस्टर प्रणाली में हाईस्कूल परीक्षा
परीक्षा रद्द होने का डर खत्म, एआई करेगा सही जांच
Munmun
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सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : इस बार उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से परीक्षार्थियों के ओएमआर शीट की जांच की जाएगी, जिससे रोल नंबर या रजिस्ट्रेशन नंबर गलत भरने पर भी उत्तर पुस्तिका रद्द नहीं होगी। यह तकनीक पहली बार इस वर्ष सेमेस्टर प्रणाली के तहत आयोजित हुई परीक्षा में लागू की गई है।

पहली बार सेमेस्टर प्रणाली में परीक्षा

उच्चतर माध्यमिक शिक्षा परिषद ने पहली बार सेमेस्टर प्रणाली के तहत परीक्षा आयोजित की है। इस परीक्षा का पहला चरण 22 सितंबर को समाप्त हुआ। इसमें पूरी परीक्षा एमसीक्यू एवं ओएमआर आधारित थी। परिणाम 31 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।

एआई तकनीक से होगा सटीक मूल्यांकन

परिषद के अध्यक्ष चिरंजीव भट्टाचार्य ने बताया कि एआई तकनीक के इस्तेमाल से छात्रों के हित में परीक्षा के रद्द होने का खतरा बहुत कम हो जाएगा। अगर रोल नंबर या ओएमआर शीट पर स्याही के धब्बे लग जाएं या कुछ गलत अंकित हो जाएं, तो भी एआई इसे सही तरीके से पहचानकर मूल्यांकन करेगा।

रोल नंबर गलत होने पर नहीं होगी परेशानी

आमतौर पर प्रतियोगी परीक्षाओं में रोल नंबर या रजिस्ट्रेशन नंबर में गलती होने पर परीक्षा रद्द हो जाती है, लेकिन इस बार एआई तकनीक के कारण ऐसी स्थिति नहीं होगी। एआई हाथ से लिखे रोल नंबर या गोले में अंकित नंबरों को स्कैन कर सही नंबर पहचान लेगा और परीक्षा को मान्य करेगा।

उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन में भी एआई का रोल

सिर्फ रोल नंबर ही नहीं, बल्कि प्रश्नों के उत्तरों के मूल्यांकन में भी एआई तकनीक सहायक होगी। अगर छात्र गलती से सही उत्तर के अलावा किसी अन्य विकल्प पर हल्का निशान लगा देता है, तो एआई उस निशान का विश्लेषण कर सही उत्तर को ही मान्य करेगा।

ओसीआर तकनीक से होगा डेटा डिजिटलाइजेशन

शिक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस तकनीक में ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (ओसीआर) का उपयोग किया गया है। यह तकनीक लिखित अक्षरों को स्कैन कर डिजिटल टेक्स्ट में बदल देती है, जिससे मूल्यांकन अधिक सटीक और तेज होता है।

छात्र-छात्राओं के लिए राहत

चिरंजीव भट्टाचार्य ने कहा, "यह तकनीक छात्रों के हित में है और भविष्य में भी इसका उपयोग परीक्षा प्रक्रिया में सुधार के लिए किया जाएगा।" इस नई तकनीक के कारण परीक्षार्थियों को परीक्षा रद्द होने के डर से मुक्त किया गया है, जो शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है।

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