शुभेंदु अधिकारी को टिप्पणी पर मांगनी होगी माफी : तृणमूल विधायक सुबोध अधिकारी की कड़ी आपत्ति !

Suvendu Adhikari must apologize for his remarks: Trinamool MLA Subodh Adhikari strongly objects!
संवाददाताओं को संबोधित करते विधायक सुबोध अधिकारी
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निधि, सन्मार्ग संवाददाता

बीजपुर: बीजपुर के तृणमूल कांग्रेस विधायक सुबोध अधिकारी ने विधानसभा में विरोधी दल के नेता शुभेंदु अधिकारी के एक हालिया बयान पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। विधायक सुबोध अधिकारी ने शनिवार को आरोप लगाया कि शुभेंदु अधिकारी ने अपनी टिप्पणी से न केवल तृणमूल संगठन पर आरोप लगाए हैं, बल्कि एक तरह से उनके निजी जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि का भी अपमान किया है।

शुभेंदु अधिकारी का आपत्तिजनक वक्तव्य सुबोध अधिकारी ने आरोप लगाया कि गुरुवार को गरुलिया में आयोजित एक कार्यक्रम में शुभेंदु अधिकारी ने सार्वजनिक रूप से यह दावा किया था कि बैरकपुर क्षेत्र में तृणमूल कांग्रेस का संगठन हिंदीभाषी समुदाय के लोगों के साथ 'सौतेला व्यवहार' करता है।

विधायक सुबोध अधिकारी का पलटवार तृणमूल विधायक ने शुभेंदु अधिकारी के इस वक्तव्य पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसा कहकर शुभेंदु अधिकारी ने सीधे तौर पर उनकी माता का अपमान किया है। सुबोध अधिकारी ने भावनात्मक होते हुए कहा, "मेरी मां हिंदीभाषी हैं। बैरकपुर या बीजपुर के किसी भी क्षेत्र में भाषा के आधार पर कोई भेदभाव या अलगाव नहीं किया जाता है।"

उन्होंने शुभेंदु अधिकारी पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा देशभर में जिस तरह हिंदू-मुस्लिम के नाम पर लोगों को बांटने की राजनीति करती है, उसी तर्ज पर अब पश्चिम बंगाल में वह 'भाषा' के आधार पर लोगों के बीच विलगाव पैदा करने की कोशिश कर रही है, जो कि अत्यंत निंदनीय है।

मानहानि का मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी विधायक सुबोध अधिकारी ने शुभेंदु अधिकारी को चेतावनी देते हुए कहा है कि विरोधी दल के नेता को अपने इस भड़काऊ और अपमानजनक वक्तव्य के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी होगी। उन्होंने शुभेंदु अधिकारी को माफी मांगने के लिए 7 दिनों का समय दिया है।

सुबोध अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि यदि शुभेंदु अधिकारी निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगते हैं, तो वह उनके खिलाफ मानहानि का कानूनी मामला (Defamation Case) दर्ज करेंगे।

इस घटनाक्रम ने बैरकपुर के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। तृणमूल विधायक का यह कड़ा रुख दर्शाता है कि पार्टी शुभेंदु अधिकारी के इस कथित 'भाषा-आधारित' विभाजन की राजनीति को स्वीकार करने के मूड में नहीं है और इसका पुरजोर विरोध करने के लिए तैयार है। अब सबकी निगाहें शुभेंदु अधिकारी के अगले कदम पर टिकी हैं कि क्या वह माफी मांगते हैं या सुबोध अधिकारी मानहानि का कानूनी रास्ता अपनाते हैं।

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