

निधि, सन्मार्ग संवाददाता
पानीहाटी: पानीहाटी के आगरपाड़ा में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के डर से कथित तौर पर आत्महत्या करने वाले प्रदीप कर के सनसनीखेज मामले में खड़दह पुलिस ने अपनी जाँच को और तेज कर दिया है। इसी क्रम में शुक्रवार को पुलिस ने जाँच प्रक्रिया में फॉरेंसिक विशेषज्ञों को शामिल किया। जाँच की सत्यता और गहराई सुनिश्चित करने के लिए, फॉरेंसिक विशेषज्ञों की एक विशेष टीम प्रदीप कर के आवास पर पहुँची और सबूत जुटाने का काम शुरू किया।
फॉरेंसिक टीम द्वारा सबूतों का संग्रह
पुलिस सूत्रों के अनुसार, फॉरेंसिक टीम ने प्रदीप कर के कमरे के अंदर से कई महत्वपूर्ण नमूने (samples) एकत्र किए हैं। इन नमूनों में आत्महत्या की विधि और घटना के समय की परिस्थितियों से जुड़े भौतिक साक्ष्य शामिल हैं। जाँच दल ने कमरे से हाथ के निशान (Fingerprints) भी सावधानीपूर्वक जुटाए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि घटना स्थल पर किसी बाहरी व्यक्ति की उपस्थिति तो नहीं थी।
जाँच का एक महत्वपूर्ण पहलू मृतक की हस्तलिपि (Handwriting) की पुष्टि करना है। अधिकारियों द्वारा मृतक की हैंडराइटिंग के नमूने लिए जा रहे हैं। इसके साथ ही, फॉरेंसिक टीम और पुलिस अधिकारी यह पता लगाने में लगे हुए हैं कि प्रदीप कर की कोई पुरानी लिखावट, जैसे पत्र, नोटबुक या आधिकारिक दस्तावेज, उपलब्ध हैं या नहीं। पुराने और नए नमूनों का मिलान करके यह सत्यापित किया जाएगा कि आत्महत्या से पहले मिले नोट या डायरी वास्तव में प्रदीप कर ने ही लिखे थे। यह कदम आत्महत्या के पीछे के सही कारणों और उसकी मानसिक स्थिति को समझने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
डायरी के नए पन्नों से बढ़ी गुत्थी
पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि जाँच के दौरान प्रदीप कर की डायरी के कुछ और पन्ने भी बरामद हुए हैं। इन नए पन्नों की सामग्री से मामले की गुत्थी और उलझ सकती है, या शायद आत्महत्या के पीछे की पूरी कहानी स्पष्ट हो सकती है। मृतक के परिवार ने दावा किया है कि संभवतः प्रदीप कई दिनों से कोई नोट या संदेश लिखने की कोशिश कर रहा था, जो उसकी मानसिक उथल-पुथल को दर्शाता है। फॉरेंसिक विशेषज्ञ इन सभी बरामद पन्नों की गहराई से जाँच कर रहे हैं।
पुलिस का मानना है कि फॉरेंसिक जाँच के निष्कर्ष आत्महत्या के पीछे के वास्तविक कारणों की पुष्टि करने और मामले की गुत्थी सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। खड़दह पुलिस इस संवेदनशील मामले में हर छोटे-बड़े सुराग पर बारीकी से काम कर रही है ताकि यह स्थापित किया जा सके कि क्या NRC का डर ही इस दुखद मौत का एकमात्र कारण था।