बिहार मतदाता सूची से हटाये गये 3.66 लाख वोटरों का ब्योरा दे आयोग : कोर्ट

कोर्ट ने कहा : भ्रम से बचने के लिए अतिरिक्त मतदाताओं की पहचान का खुलासा जरूरी
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सुप्रीम कोर्ट में बिहार एआई आर पर सुनावाई
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नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को निर्वाचन आयोग से कहा कि वह बिहार की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के बाद तैयार अंतिम मतदाता सूची से बाहर किये गये 3.66 लाख मतदाताओं का विवरण उसे उपलब्ध कराये। आयोग ने कोर्ट को बताया कि जोड़े गये अधिकांश नाम नये मतदाताओं के हैं और अब तक सूची से बाहर किये गये किसी भी मतदाता ने कोई शिकायत या अपील दायर नहीं की है। कोर्ट ने कहा कि चूंकि अंतिम सूची में मतदाताओं की संख्या से ऐसा प्रतीत होता है कि मसौदा सूची की संख्या में वृद्धि की गयी है, इसलिए किसी भी भ्रम से बचने के लिए, अतिरिक्त मतदाताओं की पहचान का खुलासा किया जाना चाहिए।

अगली सुनवाई कल

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्य बागची के पीठ ने कहा कि निर्वाचन आयोग बाहर रखे गये मतदाताओं के बारे में उपलब्ध सभी जानकारी गुरुवार (9 अक्टूबर) तक अदालत के रिकॉर्ड पर लाये, जब वह एसआईआर प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आगे की सुनवाई करेगा। पीठ ने कहा कि सभी के पास मतदाता सूची का मसौदा है और अंतिम सूची भी 30 सितंबर को प्रकाशित हो चुकी है, इसलिए तुलनात्मक विश्लेषण के माध्यम से आवश्यक आंकड़े प्रस्तुत किये जा सकते हैं। पीठ ने आयोग का पक्ष रखने के लिए पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी से कहा कि अदालती आदेशों के परिणामस्वरूप चुनावी प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और पहुंच बढ़ी है।

अंतिम सूची में वोटरों की संख्या 17.87 लाख बढ़ी

पीठ ने कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि आयोग द्वारा प्रकाशित मसौदा सूची में 65 लाख लोगों के नाम हटाये गये थे और हमने कहा कि जिनकी मृत्यु हो गयी या जो स्थानांतरित हो गया है वह ठीक है लेकिन यदि आप किसी को हटा रहे हैं, तो नियम 21 और एसओपी (मानक परिचालन प्रक्रिया) का पालन करें। पीठ ने कहा कि हमने यह भी कहा कि जिनके भी नाम हटाये गये हैं, उनके आंकड़े अपने निर्वाचन कार्यालयों में जमा करायें। अब अंतिम सूची आंकड़ों में वृद्धि प्रतीत होती है और सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भ्रम की स्थिति है - जोड़े गये नामों की पहचान क्या है, क्या वे हटाये गये नाम हैं या नये नाम हैं। द्विवेदी ने जवाब दिया कि अधिकतर नाम नये मतदाताओं के हैं और कुछ पुराने मतदाता भी हैं, जिनके नाम मसौदा सूची प्रकाशित होने के बाद जोड़े गये हैं।

अंतिम सूची में वोटरों की संख्या 47 लाख घटकर 7.42 करोड़ रह गयी

गौरतलब है कि आयोग ने 30 सितंबर को बिहार की अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करते हुए कहा कि इसमें मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 47 लाख घटकर 7.42 करोड़ रह गयी है जबकि एसआईआर से पहले यह संख्या 7.89 करोड़ थी हालांकि एक अगस्त को प्रकाशित मसौदा सूची के अनुसार अंतिम सूची में मतदाताओं से संख्या में 17.87 लाख की वृद्धि हुई है। आयोग ने छह अक्टूबर को घोषणा की कि 243 सदस्यीय विधानसभा की 121 सीटों पर छह नवंबर को चुनाव होंगे जबकि शेष 122 निर्वाचन क्षेत्रों में 11 नवंबर को मतदान होगा। मतों की गिनती 14 नवंबर को होगी।

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