

सबिता, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : रिक्शा चालकों और हाथ से चलने वाले रिक्शा चालकों के संगठन ने मुख्य सचिव डॉ. मनोज पंत को पत्र भेजकर इन्हें बचाने की गुहार लगायी है। यह पत्र हाल ही में हाथ से चलने वाले रिक्शा चालकों के संघ, 'ऑल बंगाल रिक्शा यूनियन' द्वारा भेजा गया था। पत्र में दावा किया गया है कि कोलकाता में इस समय लगभग 6,000 हाथ से रिक्शा चलाने वाले लोग हैं। उनका पेशा लगातार संकटग्रस्त होता जा रहा है। इस संबंध में मांग की गयी है कि उनके पेशे को तुरंत बढ़ावा दिया जाए और उनकी आय बढ़ाने के लिए नयी व्यवस्था की जाए। पत्र में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें देश की सर्वोच्च अदालत ने महाराष्ट्र सरकार को हाथ से चलने वाले रिक्शा को ई-रिक्शा में बदलने का निर्देश दिया था। इस मामले में मुख्य सचिव से अनुरोध किया गया है कि वे वैकल्पिक मार्ग खोजें और 6,000 रिक्शा चालकों और उनके परिवारों को राज्य सरकार साथ दें। संगठन की ओर से कहा, हाथ से चलने वाले रिक्शा कोलकाता की परंपरा है। हजारों लोगों की आजीविका इनसे जुड़ी है। अगर हमारी राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करती है, तो शहर की परंपरा और इसके लोग, दोनों बच जाएंगे।