

संजीव, सन्मार्ग संवाददाता
श्री विजयपुरम : श्री विजयपुरम क्षेत्र में हाल ही में 3.5 मेगावॉट जनसेट लगाए जाने के बावजूद बिजली कटौती की समस्या बनी हुई है। विशेष रूप से मिडल अंडमान के बाराटांग द्वीप में स्थिति और अधिक गंभीर बताई जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना किसी पूर्व सूचना के घंटों बिजली न रहने की समस्या आम जनजीवन को बाधित कर रही है।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि यह अव्यवस्थित बिजली आपूर्ति न केवल घरों में कठिनाई पैदा कर रही है, बल्कि व्यापार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। शाम के समय बिजली गुल रहने के कारण छात्र पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, और घरों में रहना भी मुश्किल हो गया है। कई बार तो दिन में 6-7 घंटे तक विद्युत आपूर्ति ठप रह जाती है।
बाराटांग के जिला परिषद सदस्य अलगर स्वामी ने सन्मार्ग संवाददाता से बातचीत में बताया कि लोग इस बिजली संकट से बेहद परेशान हैं। उन्होंने प्रशासन से तत्काल ठोस कदम उठाने की मांग की, ताकि बाराटांग क्षेत्र में स्थायी और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। उनका कहना है कि यदि यह समस्या जल्द हल नहीं हुई, तो जनता को सड़कों पर उतरकर अपनी आवाज़ बुलंद करनी पड़ सकती है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन को या तो अतिरिक्त जनसेट की व्यवस्था करनी चाहिए या फिर विद्युत आपूर्ति प्रणाली में सुधार कर उन्हें इस कष्टदायक स्थिति से राहत दिलानी चाहिए। लोगों का यह भी कहना है कि इस समस्या के चलते आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं, छोटे व्यवसायों को नुकसान हो रहा है, और छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित हो रही है।
बाराटांग के लोग अब सरकार और प्रशासन से इस गंभीर समस्या पर शीघ्र ध्यान देने की उम्मीद कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें नियमित और स्थायी बिजली आपूर्ति मिले, ताकि न केवल दैनिक जीवन सुचारू रूप से चल सके, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापारिक गतिविधियां भी प्रभावित न हों।
जिला परिषद सदस्य अलगर स्वामी ने इस अवसर पर यह भी चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने बिजली आपूर्ति में सुधार नहीं किया, तो लोग मजबूरन जनआंदोलन के लिए सड़कों पर उतर सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे क्षेत्र में स्थायी और विश्वसनीय विद्युत व्यवस्था सुनिश्चित करें और बाराटांग के लोगों को लंबे समय से चली आ रही इस अंधेरी समस्या से राहत दिलाएं।
बिजली संकट की यह गंभीर स्थिति अब बाराटांग के लिए प्राथमिक समस्या बन गई है, और लोगों की नजरें सरकार पर टिकी हैं कि कब उन्हें स्थायी और नियमित विद्युत आपूर्ति मिलेगी।