देश में 9 में से एक व्यक्ति संक्रामक रोग से संक्रमित!

ICMR की अध्ययन रिपोर्ट : 11.1% मरीजों में पाये गये पैथोजन्स
one in nine is prone to contagious desease in india
भारत में 9 में से एक व्यक्ति संक्रामक रोग से संक्रमित!
Published on

4.5 लाख मरीजों पर किया गया परीक्षण

अध्ययन का मकसद : महत्वपूर्ण विषाणु संक्रमणों की पहचान

नयी दिल्ली : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अधीन प्रयोगशालाओं के नेटवर्क द्वारा किये गये परीक्षणों में, 4.5 लाख मरीजों में से 11.1 प्रतिशत मरीजों में रोगजनक (पैथोजन्स) पाये गये। यह अध्ययन सार्वजनिक स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण विषाणु संक्रमणों की पहचान के प्रयासों का हिस्सा था।

शीर्ष पांच पैथोजन्स

पाये गये शीर्ष पांच रोगजनक में तीव्र श्वसन संक्रमण (ARI)/गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (SARI) मामलों में इन्फ्लूएंजा ए, तेज बुखार के मामलों में डेंगू वायरस, पीलिया के मामलों में हेपेटाइटिस Aए, तीव्र दस्त रोग (ADD) के प्रकोप में नोरोवायरस और तीव्र इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (AES) के मामलों में हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस (HSV) शामिल हैं। ICMR की रिपोर्ट के अनुसार संक्रामक रोगों का प्रसार 2025 की पहली तिमाही के 10.7 प्रतिशत से बढ़कर दूसरी तिमाही में 11.5 प्रतिशत हो गया।

संक्रमण के प्रसार की कड़ी निगरानी पर जोर

ICMR के वायरस अनुसंधान एवं निदान प्रयोगशाला (VRDL) नेटवर्क के अनुसार जनवरी से मार्च के बीच 2,28,856 नमूनों में से 24,502 (10.7 प्रतिशत) में रोगाणु पाये गये। वहीं अप्रैल से जून 2025 तक, 2,26,095 नमूनों में से 26,055 (11.5 प्रतिशत) में रोगाणु पाये गये। इस प्रकार संक्रमण दर पिछली तिमाही की तुलना में 0.8 प्रतिशत बढ़ गयी, जो संक्रमण के प्रसार की कड़ी निगरानी की आवश्यकता का संकेत है।

मौसमी बीमारियों और उभरते संक्रमणों के लिए चेतावनी

एक वरिष्ठ विज्ञानी के अनुसार हालांकि यह वृद्धि बहुत ज्यादा प्रतीत नहीं होती लेकिन इसे कम करके नहीं आंका जाना चाहिए क्योंकि यह मौसमी बीमारियों और उभरते संक्रमणों के लिए एक चेतावनी का काम कर सकती है। उन्होंने कहा कि अगर हम संक्रमण दर में तिमाही बदलावों पर नजर रखना जारी रखें, तो भविष्य में होने वाली महामारियों को समय रहते रोका जा सकता है। संक्रामक रोगों के मद्देनजर VRDL नेटवर्क देश के लिए एक पूर्व चेतावनी प्रणाली के रूप में कार्य करता है। वर्ष 2014-2024 तक 40 लाख से अधिक नमूनों का परीक्षण किया गया, जिनमें से 18.8 प्रतिशत में रोगाणु की पहचान की गयी थी।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in