शिक्षा, पर्यटन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, ग्रीन एनर्जी और साइबर सुरक्षा में द्विपक्षीय सहयोग पर जोर
मानवीय सहायता और आपदा राहत, समुद्री सुरक्षा और ब्लू इकोनॉमी में बढ़ रही साझेदारी
आसियान भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का मुख्य स्तंभ
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी को ‘भारत और आसियान की सदी’ की सदी करार देते हुए रविवार को शिक्षा, पर्यटन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, ग्रीन एनर्जी और साइबर सुरक्षा में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया और कहा कि अपनी साझा सांस्कृतिक विरासत को संजोने और व्यक्ति से व्यक्ति संबंधों को मजबूत करने के लिए हम काम करते रहेंगे।
आसियान सम्मेलन की थीम ‘समग्रता और निरंतरता’
मोदी ने रविवार को मलेशिया में आयोजित 22वें आसियान शिखर सम्मेलन 2025 को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि इस आसियान सम्मेलन की थीम ‘समग्रता और निरंतरता’ है, जो कि जो डिजिटल समावेशन, खाद्य सुरक्षा और मजबूत सप्लाई चेन जैसे साझा प्रयासों में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। भारत इन प्राथमिकताओं का समर्थन करता है और इस दिशा में साथ आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा अपने आसियान सहयोगियों के साथ खड़ा रहा है, चाहे वह प्राकृतिक आपदाएं हों या अन्य चुनौतियां। उन्होंने मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR), समुद्री सुरक्षा और ब्लू इकोनॉमी में बढ़ती साझेदारी का भी जिक्र किया।
2026 को ‘आसियान-भारत समुद्री सहयोग का वर्ष’
मोदी ने 2026 को ‘आसियान-भारत समुद्री सहयोग का वर्ष’ घोषित करते हुए शिक्षा, पर्यटन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, ग्रीन एनर्जी और साइबर सुरक्षा में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने का भी संकल्प लिया। उन्होंने कहा, अपनी साझा सांस्कृतिक विरासत को संजोने और व्यक्ति से व्यक्ति संबंधों को मजबूत करने के लिए हम काम करते रहेंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि ‘आसियान सामुदायिक विजन 2045’ और ‘विकसित भारत 2047’ का लक्ष्य पूरी मानवता के लिए उज्ज्वल भविष्य का मार्ग तैयार करेगा।
भारत-आसियान ग्लोबल साउथ के सहयात्री
प्रधानमंत्री ने आसियान की सफल अध्यक्षता के लिए मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम को बधाई देते हुए कहा कि भारत और आसियान मिलकर विश्व की लगभग एक चौथाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ भौगोलिक निकटता ही साझा नहीं करते, हम गहरे ऐतिहासिक संबंधों और साझे मूल्यों की डोर से भी जुड़े हुए हैं। हम ग्लोबल साउथ के सहयात्री हैं। हम सिर्फ व्यापारिक नहीं, सांस्कृतिक साझेदार भी हैं। उन्होंने कहा कि आसियान भारत की ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का मुख्य स्तंभ है। अनिश्चितताओं के इस दौर में भी भारत-आसियान व्यापक रणनीतिक साझेदारी में सतत प्रगति हुई है।
आसियान के नये सदस्य का स्वागत
मोदी ने ‘आसियान-भारत’ शिखर सम्मेलन में भारत के कंट्री कोऑर्डिनेटर (देश सह-समन्वयक) की भूमिका कुशलता से निभाने पर फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर मार्कोस का आभार जताया। उन्होंने आसियान के नये सदस्य के रूप में तिमोर-लेस्ते का भी स्वागत किया। गौरतलब है कि दक्षिण पूर्व एशियाई देश तिमोर-लेस्ते इस संगठन का 11वां सदस्य बना है। आसियान के अन्य सदस्यों में मलेशिया, थाइलैंड, सिंगापुर, कंबोडिया, लाओस, वियतनाम, इंडोनेशिया, फिलीपींस, ब्रुनेई और म्यांमार शामिल हैं। भारत, अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देश इसके संवाद साझेदार हैं। मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम 26 से 28 अक्टूबर तक चलने वाले इस तीन दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं। सदस्य देशों के साथ में अमेरिका, चीन, जापान और अन्य देशों के प्रतिनिधियों 30 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित किया गया है।