हिमाचल बस हादसे में चमत्कारिक रूप से बचे भाई-बहन

बच्चे हादसे से कुछ ही मिनट पहले आधी खाली बस की आखिरी सीट पर खेलने चले गये थे
brother and sister saved miraculously
जाको राखे साइयां...
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हादसे में गंवाये मां, चाची और दाे चचेरे भाई

भूस्खलन की चपेट में आयी थी बस, 16 की हुई थी मौत

बिलासपुर/शिमला : हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में मंगलवार को भूस्खलन की चपेट में आयी बस में सवार भाई-बहन चमत्कारिक रूप से बच गये क्योंकि हादसे से कुछ मिनट पहले ही वे आधी खाली बस की आखिरी सीट पर खेलने चले गये थे।

भूस्खलन से बस का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था

भूस्खलन से बस का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे मलबे में फंसे 16 यात्रियों की मौत हो गयी। बस में सवार संयुक्त परिवार के जीवित बचे सदस्य आरुषि (10) और शौर्य (8) को पिछले दरवाजे से बचा लिया गया था। बस मंगलवार शाम को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में मरोतन-घुमारवीं मार्ग से गुजर रही थी, तभी बर्थिन के पास भालूघाट क्षेत्र में यह हादसा हुआ। इस हादसे में भाई-बहन ने अपनी मां कमलेश, चाची अंजना और दो चचेरे भाइयों नक्ष और आरव को खो दिया। अंजना के पति विपिन, जिन्होंने अपनी पत्नी और दोनों बच्चों को खो दिया था, पहले ही घर पहुंच चुके थे। विपिन के भाई राज कुमार ने इस त्रासदी में अपनी पत्नी को खो दिया लेकिन उनका बेटा और बेटी बच गये। शौर्य ने बुधवार को अपने परिवार के चार सदस्यों की चिता को मुखाग्नि दी।

दो अलग-अलग सीटों के नीचे से दोनों बच्चों को बचाया गया

बस के पिछले हिस्से में मलबे में दबी दो अलग-अलग सीटों के नीचे से दोनों बच्चों को बचाया गया। उनके रिश्तेदारों ने बताया कि भाई-बहन खिड़की से बाहर देखने से ऊब रहे थे क्योंकि अंधेरे में देखने के लिए कुछ भी नहीं था, इसलिए वे खेलने के लिए आखिरी पंक्ति की सीट पर चले गये। आरुषि के पैर में मामूली चोटें आयी जबकि शौर्य को सुरक्षित बचा लिया गया। दोनों को बुधवार सुबह अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर से घर भेज दिया गया।

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