ट्रेनिंग के नाम पर बड़ा फ्रॉड, बैरकपुर से 2 गिरफ्तार

सात दिन की ट्रेनिंग का झांसा देकर लाखों की ठगी: किराये पर मकान लेकर चला रहा था फर्जी ट्रेनिंग सेंटर
Major fraud in the name of training, 2 arrested from Barrackpore
अभियुक्तों को कोर्ट ले जाती मोहनपुर थाने की पुलिस
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सन्मार्ग संवाददाता

बैरकपुर : बैरकपुर के मोहनपुर थाना क्षेत्र के शिउली इलाके में पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए दो मुख्य अभियुक्तों, गोपाल दास और निर्मल माइती, को गिरफ्तार किया है। ये दोनों आरोपी किराए पर मकान लेकर एक फर्जी ट्रेनिंग सेंटर चला रहे थे, जहां सैकड़ों युवाओं को सेना और पुलिस में भर्ती के नाम पर ठगा जा रहा था।

मिली जानकारी के अनुसार, इस सेंटर पर लगभग सात दिनों से डब्ल्यूबीपीएस (WBPS) और पुलिस ट्रेनिंग के साथ-साथ सेना (आर्मी) में भर्ती दिलाने के नाम पर नकली परीक्षाएँ और प्रशिक्षण दिया जा रहा था। आरोप है कि इस गिरोह ने लगभग 300 से अधिक युवक-युवतियों को निशाना बनाया और उनसे भर्ती व ट्रेनिंग के नाम पर लाखों रुपयों की ठगी की।

पुलिस का प्राथमिक अनुमान है कि यह धोखाधड़ी किसी छोटे-मोटे जालसाज का काम नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक बड़ा और संगठित नेटवर्क काम कर रहा है। इसी आशंका के चलते, मोहनपुर थाने की पुलिस दोनों गिरफ्तार अभियुक्तों को हिरासत में लेकर गहराई से पूछताछ कर रही है, ताकि गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचा जा सके।

Major fraud in the name of training, 2 arrested from Barrackpore
फर्जी ट्रेनिंग कि हुई थी व्यवस्था

पूर्व सेनाकर्मी ने खोला था फर्जी सेंटर

जांच में यह सामने आया है कि गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में से एक निर्मल माइती एक पूर्व सेनाकर्मी है, जिसने कथित तौर पर इस नकली ट्रेनिंग सेंटर को संचालित करने में मुख्य भूमिका निभाई थी। पुलिस ने मौके से हजारों लोगों के दस्तावेज बरामद किए हैं, जिन्होंने संभवतः इस फर्जी प्रशिक्षण और भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन किया था। इसके अलावा, पुलिस ने सबूत के तौर पर अभियुक्तों के पास से मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त किए हैं।

इलाके में मचा हड़कंप

इलाके में लंबे समय से चलाए जा रहे इस फर्जी ट्रेनिंग सेंटर का खुलासा होने से स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया है। लोगों ने बताया कि अभियुक्तों ने एक क्लब के मैदान को भी साफ करवाया था, जिससे यह लगे कि यहाँ कोई वैध गतिविधि चल रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्हें इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि उनकी नाक के नीचे एक फर्जी शैक्षणिक और प्रशिक्षण केंद्र संचालित किया जा रहा था, जो युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा था।

पुलिस इस मामले की हर कोण से जांच कर रही है और मकान मालिक से भी पूछताछ कर रही है कि उसे इस अवैध गतिविधि की जानकारी थी या नहीं। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि इस बड़े धोखाधड़ी रैकेट में शामिल सभी दोषियों को जल्द ही सलाखों के पीछे पहुँचाया जाएगा।

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