कोलकाता : दिसंबर चला गया है और जनवरी के साथ ही नया साल शुरू हो गया है। नया साल इस बार अच्छी खासी सर्दियां लेकर आया है। सर्दियों का मौसम अपने साथ ठंडक, आरामदायक माहौल और उत्सवों की खुशियां लेकर आता है लेकिन साथ ही साथ स्वास्थ्य के प्रति अतिरिक्त ध्यान देने की भी जरूरत रहती है। ठंड के मौसम में शरीर अधिक ऊर्जा की मांग करता है और बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में सही खानपान और सावधानी बरतना तो जरूरी हो ही जाता है। जैसे-जैसे मौसम बदलता है हमारे शरीर की तासीर भी बदलती है और जैसे गर्मी के मौसम में ठंडी प्रकृति की चीज खाना उत्तम रहता है तो बारिश में तली हुई चीज बेहतर होती है। इसी तरह सर्दियों में भी गर्म करतीं पौष्टिक चीजें अधिक लाभदायक रहती हैं।
लाभदायक एवं सुरक्षित खानपान
पौष्टिक और गर्म भोजन
सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए ऐसा खाना खाएं, जो ऊर्जा और पोषण से भरपूर हो। सूखे मेवे बादाम, अखरोट, काजू, किशमिश, घी और मक्खन ऊर्जा के लिए अच्छी रहती है मगर इन्हें भी सीमित मात्रा में खाना चाहिए
मौसमी सब्जियां
गाजर, मटर, शलजम, पालक, सरसों का साग अच्छी खासी मात्रा में उपलब्ध होता है। इनका उपयोग भी सेहत के लिए अच्छा है। दालें और बीन्स प्रोटीन और फाइबर के अच्छे स्रोत हैं ।
पेय पदार्थ
गर्म पेय पदार्थों में सर्दियों में शरीर को अंदरूनी एवं बाहरी ताप देने के लिए अदरक और तुलसी वाली चाय, हल्दी वाला दूध (गोल्डन मिल्क) और सूप में टमाटर, मिक्स वेज या चिकन सूप लेना अच्छा रहता है। तिल और गुड़ भी सर्दियों में गर्मी प्रदान करते और शरीर को स्वस्थ रखते हैं। तिल-गुड़ के लड्डू या गजक खाना लाभदायक होता है।
फल और मेवे
विटामिन और मिनरल्स की पूर्ति के लिए संतरा, नींबू, अमरूद। आयरन और कैल्शियम हेतु दूध, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियाँ पर्याप्त मात्रा में खाते रहना चाहिए। अच्छा खान-पान जहां शरीर के लिए जरूरी है, वहीं शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी की मात्रा भी जानी चाहिए। वैसे तो सर्दियों में शरीर में नमी की मात्रा प्राकृतिक रूप से ही काफी हो जाती है लेकिन फिर भी हाइड्रेशन बनाए रखना जरूरी है। अच्छा हो यदि ठंडे की बजाय गुनगुना पानी पिएं। यदि घर पर बने हुए गोंद, मेथी या केसर युक्त लड्डू खायें तो भी शरीर सर्दियों से लड़ने में समर्थ रहता है। उत्तर भारत के राज्यों में छुहानी पीना भी ठंड से लड़ने का एक अच्छा साधन है। बाजरे-उड़द की काली दाल या चने की दाल की खिचड़ी खाना भी पौष्टिक खाने में शामिल किया जाता है। फलों में चीकू और पहाड़ी बेरीज भी आपके शरीर को ठंड से लड़ने हेतु पर्याप्त शक्ति एवं ऊर्जा प्रदान करती हैं। यदि रोज सुबह शाम च्यवनप्राश का सेवन करते हों तो कहने ही क्या। सर्दी में तली-भुनी चीजों का मात्रा का अतिरेक अपच कब्ज एवं एसिडिटी जैसी बीमारियां पैदा करेगा इसलिए पकोड़े, समोसे, चिप्स एवं दूसरे पैकेज फूड कम ही खाएं।
सावधानियां
ठंड से बचाव हेतु पर्याप्त और आरामदायक ऊनी कपड़े पहनें और शरीर को पूरी तरह ढककर रखें। सिर, कान, और हाथों को ठंड से बचाने के लिए टोपी और दस्ताने का इस्तेमाल करें।
त्वचा की देखभाल
सर्दियों में त्वचा की देखभाल जरूरी है। त्वचा सर्दियों में रूखी हो जाती है इसलिए मॉइस्चराइजर का उपयोग करें। अधिक समय तक गर्म पानी से न नहाएं, यह त्वचा की नमी छीन लेता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ानी है तो आंवला, अदरक और शहद का सेवन करें। सर्दी-खांसी से बचने के लिए गरम मसालों का उपयोग करें। ठंडे पेय और बर्फ से परहेज करें। वायरल संक्रमण से बचने के लिए भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें।
धूप एवं व्यायाम
व्यायाम और धूप का सेवन सर्दियों में आपके स्वस्थ रहने का सबसे बड़ा आधार है, इसलिए आलस्य त्याग कर नियमित व्यायाम करें और धूप में बैठें। इससे शरीर को विटामिन डी मिलता है और हड्डियां मजबूत होती हैं। छोटे बच्चों एवं उम्र दराज बुजुर्गों का खास ख्याल रखना बहुत जरूरी है क्योंकि इन दोनों ही वर्गों की इम्युनिटी कम होती है।