नयी दिल्ली : दिल्ली के एक अस्पताल में एक इराकी बच्चे की सफलतापूर्वक सर्जरी करके जान बचायी गयी, जिसका दिल एक मिनट में 170 से 200 बार धड़कता था।
‘हार्ट फेल’ होने का खतरा
फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टिट्यूट के चिकित्सकों ने पिछले महीने एक दुर्लभ हृदय सर्जरी करके लड़के की जान बचायी। इस सर्जरी को ‘इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी स्टडी’ और ‘रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन’ कहा जाता है। अस्पताल के अनुसार मरीज को इनसेसेंट टैकिकार्डिया था यानी हृदय की धड़कन तेज रहती थी। यह बीमारी खुद ठीक नहीं होती इससे हृदय की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं और ‘हार्ट फेल’ होने का खतरा भी रहता है।
बच्चा जन्म से ही ‘इलेक्ट्रिकल सर्किट’ से पीड़ित था
बच्चा जन्म के समय से ही एक असामान्य ‘इलेक्ट्रिकल सर्किट’ समस्या से पीड़ित था। जब वह फोर्टिस एस्कॉर्ट्स, ओखला लाया गया, तब उसकी दिल की धड़कन बहुत तेज थी। अस्पताल ने कहा कि बच्चे का दिल एक मिनट में 170 से 200 बार धड़क रहा था जबकि सामान्य दिल एक मिनट में 75 से 118 बार धड़कता है। बच्चे का वजन केवल 26 किलो था और वह कई वर्ष से बीमार था। अस्पताल के अनुसार इराक में इलाज नहीं हो पाया क्योंकि उसकी कम उम्र और कम वजन के कारण ज्यादा खतरा था।
1,000 बच्चों में से एक को यह समस्या होती है
एफईएचआई के ‘कार्डियक पेसिंग और इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी’ विभाग की निदेशक डॉ. अपर्णा जसवाल ने कहा कि यह एक बेहद जटिल और दुर्लभ मामला था। आमतौर पर ऐसी प्रक्रियाओं में तब तक देरी की जाती है जब तक कि बच्चे का वजन 30 किलो से ज़्यादा न हो जाये हालांकि इस मामले में उसकी हालत बिगड़ रही थी और अगर इलाज में और देरी होती, तो दिल काम करना बंद भी कर सकता था। डॉ. जसवाल ने कहा कि दुनिया भर में 1,000 बच्चों में से एक को यह समस्या होती है। सर्जरी के बाद बच्चा काफी हद तक ठीक है। उसने सामान्य गतिविधियां फिर से शुरू कर दी हैं।