नयी दिल्ली : सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को कहा कि सेना के लिए भी आत्मनिर्भर भारत जरूरी है। पहले संघर्ष के समय जहां 100 किमी की रेंज वाले हथियारों की जरूरत थी, आज वहां 300 किमी की रेंज वाले हथियार चाहिए।
युद्ध हमेशा अनिश्चित होता है
उपेंद्र द्विवेदी ने यहां ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) के कार्यक्रम में कहा कि हमारे विरोधियों की तकनीक आगे बढ़ रही है। हम विदेशी हथियारों पर हमेशा निर्भर नहीं रह सकते। अपनी क्षमता पर भरोसा और लगातार मजबूत होना ही हमें भविष्य के युद्धों के लिए तैयार कर सकता है। सेना प्रमुख ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर कहा कि कुछ लोगों ने कहा कि ये तो चार दिन का टेस्ट मैच था लेकिन आप युद्ध के बारे में पहले से कुछ नहीं कह सकते। हमें कोई अंदाजा नहीं था ऑपरेशन कितने दिन चलेगा। युद्ध हमेशा अनिश्चित होता है। जब रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ था, तब किसी को अंदाजा नहीं था कि ये इतना लंबा चलेगा। ईरान-इराक युद्ध लगभग 10 साल चला।
नयी तकनीक और भविष्य की तैयारी
सेना प्रमुख ने आने वाले समय में नयी तकनीक वाले हथियारों को सेना में शामिल करने पर जोर देते हुए कहा कि भारत हथियारों के मामले में राइफल से लेजर हथियारों तक जाना चाहता है। हम ऐसे टैंक सेना में शामिल कर रहे हैं जो बिना किसी व्यक्ति के संचालित हो सकें। उन्होंने कहा कि सेना के लिए नये हेलिकॉप्टरों की खरीद पर भी बात चल रही है। मैं कुछ दिन पहले ही इस सिलसिले में विदेश गया था। हम सैनिकों की जिंदगी बेहतर करने पर जोर दे रहे हैं। आधुनिक युद्ध में ‘डेविड एंड गोलियथ’ सिस्टम अहम है। यानी कम लागत और उन्नत तकनीक वाला देश भी बड़े और ताकतवर दुश्मन को हरा सकता है। इसके लिए फोर्स एप्लीकेशन और फोर्स प्रोटेक्शन यानी दुश्मन के हमले को झेलने और फिर सही समय पर कार्रवाई करने की क्षमता, दोनों ही जरूरी हैं। यह सब तभी संभव होगा जब मजबूत संचार और साइबर सिस्टम तैयार हों।
जल्द हो सकता है अगला युद्ध
गौरतलब है कि इससे पहले जनरल द्विवेदी ने 4 अगस्त को पाकिस्तान से जल्द ही दोबारा युद्ध होने की आशंका जतायी थी। उन्होंने आईआईटी मद्रास में ‘अग्निशोध’- इंडियन आर्मी रिसर्च सेल (आईएआरसी) के उद्घाटन समारोह में कहा था कि अगला युद्ध जल्द हो सकता है। हमें उसी के अनुसार तैयारी करनी होगी और इस बार हमें यह लड़ाई मिलकर लड़नी होगी।