

निधि, सन्मार्ग संवाददाता
बरानगर: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बरानगर में ठगी की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने स्थानीय निवासियों में दहशत फैला दी है। बारासात और बैरकपुर में इसी तरह की वारदातों को अंजाम देने के बाद, अब ठगों ने बरानगर को अपना नया निशाना बनाया है। दो शातिर युवकों ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर एक स्थानीय व्यवसायी को झांसा दिया और उसकी सोने की चेन तथा अंगूठी लेकर आसानी से फरार हो गए।
पीड़ित व्यवसायी की पहचान राजेंद्र साव के रूप में हुई है, जो बरानगर के काशीपुर रोड इलाके के निवासी हैं। राजेंद्र साव जब अपनी स्कूटी से बरानगर सेंट्रल मॉडल स्कूल के पास से गुजर रहे थे, तभी बाइक पर सवार दो अज्ञात युवकों ने अचानक उनका रास्ता रोक लिया।
ठगों ने तुरंत खुद को बरानगर थाने का पुलिस अधिकारी बताया। उन्होंने राजेंद्र साव को झांसा देते हुए कहा कि सुबह इस रास्ते पर छीना-झपटी (छिनैती) की घटनाएं हुई हैं, जिसके कारण वे क्षेत्र में विशेष ड्यूटी पर तैनात हैं।
योजनाबद्ध तरीके से, दोनों ठगों ने अलग-अलग भूमिकाएँ निभाईं। एक युवक ने पुलिस डायरी में व्यवसायी राजेंद्र साव का नाम और पता नोट करना शुरू कर दिया, जबकि दूसरे ने स्कूटी के कागजात (डॉक्यूमेंट्स) चेक करने की औपचारिकता पूरी की। इस प्रक्रिया के दौरान, उन्होंने व्यवसायी का विश्वास जीतने की कोशिश की।
विश्वास जमाने के बाद, ठगों ने अपने असली मंसूबे को अंजाम दिया। उन्होंने राजेंद्र साव को निर्देश दिया कि सुरक्षा कारणों से उन्हें अपनी सोने की अंगूठी और गले की चेन तुरंत उतार देनी चाहिए। डर और पुलिस के आदेश का पालन करते हुए, राजेंद्र साव ने अपने गहने उतार दिए। ठगों ने व्यवसायी से उन गहनों को एक सफेद लिफाफे में रखने को कहा।
इसके बाद, नकली पुलिसकर्मियों ने लिफाफे को मोड़ा और राजेंद्र साव को अपनी स्कूटी की डिग्गी (स्टोरेज बॉक्स) खोलने का निर्देश दिया, ताकि वे 'सुरक्षित' तरीके से लिफाफे को डिग्गी में रख सकें। यहीं पर उन्होंने अपने हाथ की सफाई (स्लाइट ऑफ हैंड) का इस्तेमाल किया। गहनों से भरे असली लिफाफे को पलक झपकते ही, पत्थरों से भरे एक अन्य लिफाफे से बदल दिया गया। व्यवसायी को बिना कोई संदेह हुए, नकली लिफाफा स्कूटी की डिग्गी में रख दिया गया।
ठगों के चले जाने के कुछ देर बाद, जब व्यवसायी राजेंद्र साव ने डिग्गी में रखा सफेद लिफाफा खोला, तो उन्हें अपने साथ हुई धोखाधड़ी का पता चला। गहनों के स्थान पर पत्थर पाकर वह हैरान रह गए।
पीड़ित राजेंद्र साव ने तत्काल बरानगर थाने में इसकी लिखित शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू कर दिया है। पुलिस का मानना है कि फुटेज की मदद से अभियुक्तों की पहचान और उनके भागने के मार्ग का पता लगाया जा सकता है, ताकि उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके और इस तरह के गिरोह पर लगाम लगाई जा सके।