12 राज्यों में SIR का दूसरा चरण शुरू

सात फरवरी को अंतिम सूची जारी कर दी जायेगी
election commission of india declares second phase of sir
निर्वाचन आयोग ने sir के दूसरे चरण की घोषणा की
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चुनाव आयोग ने इन राज्यों की मतदाता सूचियां फ्रीज कीं

28 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक SIR प्रशिक्षण

4 नवंबर से 4 दिसंबर तक घर घर जायेंगे BLO

जो मतदाता 2003 की सूची में हैं उनको नहीं देने होंगे सुबूत के कागजात

9 दिसंबर को पहला ड्राफ्ट आयेगा

8 जनवरी तक दावे आपत्तियां दर्ज की जायेंगी

31 जनवरी 2026 तक सुनवाई

नयी दिल्ली : नौ राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों में सोमवार आधी रात से मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का दूसरा चरण लागू हो गया। इसके साथ ही इन राज्यों की मतदाता सूचियां भी फ्रीज कर दी गयी हैं। जिन 12 राज्यों में SIR का ऐलान हुआ है, उनमें पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुड्डुचेरि में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। असम में भी अगले साल विधानसभा चुनाव संभावित है। असम में SIR के लिए अलग से विशेष आदेश जारी किया जायेगा।

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मौजूदा त्रुटियों को दूर करना मुख्य लक्ष्य : कुमार

मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में देशव्यापी SIR की घोषणा की। उन्होंने बताया कि 12 राज्यों में मतदाता सूची के दूसरे चरण का SIR शुरू हो रहा है। इस प्रक्रिया में मतदाता सूची को अपडेट करना, नये मतदाताओं के नाम जोड़ना और मौजूदा त्रुटियों को दूर करना मुख्य लक्ष्य होगा। कुमार ने स्पष्ट किया कि मुद्रण/प्रशिक्षण संबंधी कार्य 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक संचालित होंगे। इसके बाद घर-घर सर्वेक्षण का चरण 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक चलेगा। शुरुआती (ड्राफ्ट) मतदाता सूची का प्रकाशन 9 दिसंबर को होगा। दावे व आपत्तियां 9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक दर्ज की जा सकेंगी। नोटिस प्राप्त करने वाले व्यक्तियों की सुनवाई एवं सत्यापन प्रक्रिया 9 दिसंबर से 31 जनवरी, 2026 तक पूरी की जायेगी और अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 7 फरवरी 2026 को होगा।

इन राज्यों में हो रहा SIR

CEC ने 12 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में SIR का ऐलान किया। इस राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में अंडमान और निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुड्डुचेरि, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल शामिल हैं। कुमार ने कहा कि SIR का पहला चरण बिहार में शून्य अपील के साथ पूरा हुआ। राजनीतिक दलों ने कई मौकों पर मतदाता सूचियों की शुचिता का मुद्दा उठाया है। उन्होंने बताया कि मौजूदा SIR स्वतंत्रता के बाद से ऐसी नौवीं कवायद है, पिछला SIR 21 वर्ष पहले 2002-04 में हुआ था। SIR यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी पात्र मतदाता नहीं छूटे और कोई भी अपात्र व्यक्ति सूची में शामिल नहीं हो। कुमार ने लोगों को यह भी बताया कि SIR के दौरान उन्हें क्या-क्या सावधानियां बरतनी होंगी। आयोग SIR कराने की रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEO) के साथ पहले ही दो बैठकें कर चुका है। कई CEO ने अपनी पिछली SIR के बाद की मतदाता सूचियां अपनी वेबसाइटों पर डाल दी हैं।

असम के लिए विशेष आदेश जारी किया जायेगा

असम उन 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सूची में शामिल नहीं है। कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि नागरिकता अधिनियम के तहत असम में नागरिकता के लिए अलग प्रावधान हैं। उच्चतम न्यायालय की निगरानी में नागरिकता की जांच का कार्य लगभग पूरा होने वाला है। गत 24 जून का SIR आदेश पूरे देश के लिए था। ऐसी परिस्थितियों में यह असम पर लागू नहीं होता। इसलिए असम के लिए अलग से पुनरीक्षण आदेश जारी किये जायेंगे और एसआईआर की एक अलग तिथि घोषित की जायेगी।

विपक्ष ने चुनाव आयोग की नीयत पर उठाये सवाल

कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दूसरे चरण की घोषणा के बाद सोमवार को निर्वाचन आयोग की नीयत पर सवाल खड़े किr; और कहा कि वास्तविक मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने के किसी भी प्रयास का विरोध किया जायेगा। कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक वीडियो जारी कर कहा कि आज निर्वाचन आयोग ने 12 राज्यों में SIR की घोषणा की। अभी तक बिहार में हुए SIR से जुड़े सवालों के जवाब हमें नहीं मिले हैं। हालात ये थे कि SIR को दुरुस्त करने के लिए उच्चतम न्यायालय को आगे आना पड़ा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी द्वारा आलंद विधानसभा क्षेत्र (कर्नाटक) में ‘वोट चोरी’ का खुलासा किये जाने बाद SIT ने बताया है कि मतदाता सूची से नाम काटने का एक केंद्रीकृत अभियान चलाया जा रहा था।


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