ठंड पड़ते ही कोलकाता में उड़ानों पर लगा ब्रेक
6000 यात्री हुए प्रभावित, एयरपोर्ट पर लगी यात्रियों की भारी भीड़
सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : कोलकाता हवाई अड्डे पर घने कोहरे के कारण इस ठंड के मौसम में पहली बार उड़ान संचालन में विघ्न पड़ा। बुधवार की सुबह कोलकाता में घने कोहरे के कारण दृश्यता में भारी कमी आई, जिससे हवाई यात्रा प्रभावित हुई। इस दौरान एक अंतर्राष्ट्रीय उड़ान समेत कुल चार उड़ानों को अन्य हवाई अड्डों पर डायवर्ट किया गया और 20 उड़ानों के संचालन में दो घंटे से अधिक की देरी हुई।
एयरपोर्ट अधिकारी ने यह कहा
हवाई अड्डे के निदेशक प्रबत रंजन बेउरिया ने बताया कि सुबह के समय, विशेष रूप से 4:18 से 6:16 बजे तक, कोलकाता हवाई अड्डे पर कोई भी उड़ान संचालित नहीं हो पाई। दृश्यता इतनी कम हो गई थी कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) द्वारा कम दृश्यता प्रक्रिया (LVP) घोषित की गई, जिसके कारण विमानों की टेक-ऑफ और लैंडिंग में अतिरिक्त सावधानियों की आवश्यकता पड़ी। LVP तब लागू किया जाता है जब दृश्यता 800 मीटर से कम हो जाती है, और बादल का स्तर 200 फीट से नीचे चला जाता है। इस स्थिति में, ‘फॉलो-मी’ वाहन विमानों को उनके स्टैंड्स तक सुरक्षित रूप से मार्गदर्शन करते हैं।
इन उड़ानों पर पड़ा प्रभाव
कोलकाता एयरपोर्ट के अधिकारियों ने बताया कि इस खराब दृश्यता के कारण, मुम्बई, बैंकॉक और बंगलुरु के लिए उड़ानें भुवनेश्वर और हैदराबाद हवाई अड्डों पर डायवर्ट की गईं। साथ ही, कोलकाता से विभिन्न गंतव्यों के लिए उड़ानें जैसे मुम्बई, दिल्ली, गुवाहाटी और बंगलुरु, जिसमें 18 घरेलू और 2 अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें शामिल थीं, उनकी प्रस्थान में भी भारी देरी हुई। इन उड़ानों की देरी औसतन दो घंटे से अधिक रही। इसके अलावा, चार उड़ानों के आगमन में भी देरी हुई।दृश्यता में इतनी कमी होने के कारण राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस का मुरशिदाबाद जिले के फरक्का जाने का कार्यक्रम भी रद्द करना पड़ा। उन्हें बीएसएफ हेलीकॉप्टर से वहां जाना था, लेकिन खराब मौसम की स्थिति के कारण यह यात्रा भी स्थगित कर दी गई। यह घटना इस बात को दर्शाती है कि मौसम की अचानक तब्दीली हवाई यात्रा के संचालन को किस प्रकार प्रभावित कर सकती है।
पहले से की गयी थी तैयारी
एयरपोर्ट के निदेशक प्रबत रंजन बेउरिया ने आगे बताया कि कम दृश्यता के दौरान उड़ानों को सुरक्षित तरीके से संचालन में मदद के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने बताया कि LVP की प्रक्रिया को लागू करते समय हवाई अड्डे के संचालक, एटीसी और पायलटों के बीच मजबूत समन्वय की आवश्यकता होती है। इन प्रक्रियाओं के जरिए यह सुनिश्चित किया जाता है कि विमान सुरक्षित रूप से लैंड, टेक-ऑफ और टैक्सी कर सकें। इस दौरान, उन्नत नेविगेशन सिस्टम और ग्राउंड लाइटिंग का उपयोग किया जाता है, जिससे विमानों को सही मार्ग पर रखा जाता है और किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति से बचा जा सकता है। इसके अलावा, एयरपोर्ट पर सुरक्षा मानकों को भी ध्यान में रखा जाता है, ताकि विमान और यात्री दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। दृश्यता में कमी के बावजूद, विमानन प्राधिकरण की ओर से किए गए उपायों के कारण किसी भी बड़ी दुर्घटना या समस्या से बचा जा सका।
यात्रियों को जल्द आने की सलाह
इन घटनाओं से यह भी स्पष्ट होता है कि एयरपोर्ट और एटीसी के पास अत्याधुनिक तकनीक और उपकरण हैं, जो इन स्थितियों से निपटने में सक्षम हैं। हालांकि, कोहरे जैसे मौसम से निपटने के लिए यात्रियों को भी स्थिति के अनुसार कुछ समय पहले हवाई अड्डे पर पहुंचने की सलाह दी जाती है, ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटा जा सके। इस प्रकार, कोलकाता हवाई अड्डे पर बुधवार को घने कोहरे के कारण जो भी समस्याएं हुईं, उसे संचालित करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों और एयरलाइन कंपनियों ने मिलकर काम किया और विमानों की सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित किया।
:- नेहा सिंह
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