मायाबंदर व डिगलीपुर के लिए नियमित जहाज सेवा बहाल करने की मांग

मायाबंदर व डिगलीपुर के लिए नियमित जहाज सेवा बहाल करने की मांग
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संजीव, सन्मार्ग संवाददाता

श्री विजयपुरम : उत्तर अंडमान के मायाबंदर और डिगलीपुर के निवासियों को लंबे समय से जहाज सेवा की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या को लेकर बुधवार को मायाबंदर के पूर्व प्रमुख अब्दुल सिद्दीक़ ने अंडमान एवं निकोबार प्रशासन के जहाज रानी सेवा निदेशक कमांडर विजय कुमार से श्री विजयपुरम में भेंट की।

बैठक के दौरान सिद्दीक़ ने निदेशक का ध्यान विशेष रूप से एम.वी. नालंदा और एम.वी. सिंधु जहाजों के संचालन को निलंबित किए जाने पर केंद्रित किया। उन्होंने बताया कि इन जहाजों के बंद होने से क्षेत्र के लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इनकी जगह पर जो स्पीड बोट्स चलाई जा रही हैं, वे न केवल सुविधाओं की दृष्टि से अपर्याप्त हैं, बल्कि लंबी दूरी की यात्रा के लिए भी उपयुक्त नहीं हैं। खासकर वृद्ध, महिलाएं और छोटे बच्चे इन नावों में असुविधा महसूस करते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि इन क्षेत्रों के लोगों के लिए जहाज सेवा सिर्फ यात्रा का साधन नहीं, बल्कि जीवनरेखा है, जो उन्हें पोर्ट ब्लेयर से जोड़ती है — जहां से शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार से जुड़ी मुख्य सुविधाएं प्राप्त होती हैं।

इस मुद्दे पर निदेशक कमांडर विजय कुमार और अब्दुल सिद्दीक़ के बीच विस्तृत चर्चा हुई। निदेशक ने आश्वासन दिया कि एम.वी. कालीघाट जहाज की सेवा मायाबंदर और डिगलीपुर के लिए जारी रखी जाएगी, जिससे आम लोगों को कुछ राहत अवश्य मिलेगी। साथ ही यह भी प्रयास किए जाएंगे कि क्षेत्र के लिए एक साप्ताहिक नियमित जहाज सेवा फिर से शुरू की जाए, जिसमें केबिन और बंक जैसी सुविधाएं उपलब्ध हों।

निदेशक ने यह भी स्पष्ट किया कि विभाग यात्रियों की जरूरतों और सुरक्षा को प्राथमिकता देता है तथा भविष्य में स्थायी समाधान हेतु वैकल्पिक उपायों पर विचार कर रहा है।

पूर्व प्रमुख अब्दुल सिद्दीक़ ने निदेशक का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह निर्णय मायाबंदर और डिगलीपुर के लोगों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आएगा। उन्होंने आशा जताई कि प्रशासन शीघ्र ही इस दिशा में ठोस कदम उठाएगा और क्षेत्रवासियों को फिर से पूर्ववत सुविधा प्राप्त होगी।

यह मुलाकात उत्तर अंडमान के निवासियों की समस्याओं को प्रशासन तक पहुंचाने की एक सार्थक पहल रही, जिससे भविष्य में जहाज सेवाओं के सुदृढ़ीकरण की उम्मीद की जा सकती है।

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