खड़दह में माकपा की अंदरूनी कलह उजागर !

पार्टी के फैसलों का विरोध करने पर कार्यकर्ता पर जानलेवा हमला
CPI(M)'s internal conflict exposed in Khardah!
हमले में घायल माकपा कर्मी REP
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सन्मार्ग संवाददाता

खड़दह: पश्चिम बंगाल के खड़दह में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) के भीतर गंभीर गुटबाजी और आंतरिक संघर्ष का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। पार्टी के एक पुराने और सक्रिय कार्यकर्ता, सौमित्र आचार्य, ने संगठन के कुछ गलत फैसलों का विरोध करने की कीमत जानलेवा हमले से चुकाने का आरोप लगाया है। सौमित्र ने स्पष्ट रूप से माकपा के ही दो स्थानीय नेताओं पर साजिश रचकर उन पर हमला करवाने का आरोप लगाया है।

पार्टी के फैसलों का विरोध बना हमले का कारण

पीड़ित कार्यकर्ता सौमित्र आचार्य के अनुसार, यह घटना बुधवार रात को घटी, जब उन्हें लोहे की छड़ से बेरहमी से पीटा गया। इस हमले में उनकी आंख और सिर पर गंभीर चोटें आई हैं। सौमित्र ने खड़दह पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई है।

सौमित्र का कहना है कि विवाद तब शुरू हुआ जब उन्होंने पार्टी के एक फैसले का विरोध किया और अपनी असहमति पार्टी के आधिकारिक व्हाट्सएप ग्रुप में व्यक्त की। इस विरोध के बाद, उन्होंने आरोप लगाया कि माकपा नेता उत्तम बणिक और ननीगोपाल दास ने उन्हें अश्लील भाषा में गालियाँ दीं और उनके परिवार व पत्नी के बारे में भी आपत्तिजनक बातें कहीं।

हालाँकि, शुरू में उन्होंने पार्टी के निर्देशों का पालन करते हुए इस मामले को टाल दिया था, लेकिन बुधवार रात को जब वह एक दोस्त के घर से अपने कल्याणनगर स्थित आवास लौट रहे थे, तभी उन पर यह हमला हुआ।

नेता फरार, पुलिस जाँच शुरू

सौमित्र आचार्य के आरोप के अनुसार, उत्तम बणिक और ननीगोपाल दास ने तीन बदमाशों को स्कूटर पर भेजकर उनका पीछा करवाया। घर के पास पहुँचते ही हमलावरों ने उन्हें रोका, जमीन पर गिराया और लोहे की रॉड से बेरहमी से पीटा। पीड़ित ने बताया कि हमलावरों ने उन्हें धमकी भी दी कि अगर वे उत्तम बणिक और ननीगोपाल दास के पीछे पड़े, तो उन्हें जान से मार दिया जाएगा

सौमित्र ने अपना दर्द व्यक्त करते हुए कहा कि विपक्षी दलों के किसी नेता या कार्यकर्ता ने आज तक उन्हें प्रताड़ित नहीं किया, लेकिन अपनी ही पार्टी के लोगों से इस तरह की पीड़ा मिलना बेहद दुखद है।

घटना के बाद से मुख्य आरोपी माकपा नेता उत्तम बणिक फरार बताए जा रहे हैं। खड़दह पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपितों की तलाश में जुट गई है। पुलिस मामले की गहनता से जाँच कर रही है कि यह हमला पार्टी की गुटबाजी का नतीजा है या इसके पीछे कोई व्यक्तिगत दुश्मनी है। यह घटना माकपा के अंदर चल रहे आंतरिक मतभेदों और नेतृत्व संघर्ष को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।

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