फैसला सुनाकर ही होऊंगा रिटायर : तमिलनाडु की याचिका पर CJI ने कहा

राज्यपाल के बिल को मंजूरी देने के बजाय राष्ट्रपति को भेजने का मामला
cji justice br gavai
न्यायमूर्ति बी आर गवई
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नयी दिल्ली : देश के प्रधान न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई ने शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार की उस याचिका, जिसमें राज्यपाल आन एन रवि द्वारा तमिलनाडु शारीरिक शिक्षा एवं खेल विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2025 (TPESU Bill 2025) को मंजूरी देने के बजाय उसे राष्ट्रपति के पास भेजने के उनके फैसले को चुनौती दी गयी है, पर सुनवाई करते तमिलनाडु सरकार से कहा कि वह इस याचिका पर निर्णय के लिए राष्ट्रपति के संदर्भ (Presidential Reference) पर आने वाले फैसले तक इंतजार करे। न्यायमूर्ति गवई ने याची के वकील अभिषेक मनु सिंघवी को ‘आश्वस्त’ किया इस याचिका पर 23 नवंबर को उनके अवकाश ग्रहण करने से पहले ही निर्णय ले लिया जायेगा।

राज्यपाल के एक्शन को चुनौती

सिंघवी ने तमिलनाडु सरकार की पैरवी करते हुए सवाल उठाया था कि राज्यपाल ऐसा नहीं कर सकते हैं, वे विधेयक को मंजूरी देने के बजाय उसे राष्ट्रपति के पास नहीं भेज सकते हैं। इस पर न्यायमूर्ति गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन के पीठ ने सिंघवी से कहा कि इस मुद्दे पर संविधान पीठ के फैसले के बाद ही सुनवाई की जायेगी। सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा कि चूंकि गवर्नर ने बिल को राष्ट्रपति के पास भेज दिया है, ऐसे में अगर अब अगर राष्ट्रपति कुछ करते हैं, तो क्या होगा? इस पर CJI ने कहा कि अभी तो हम लोग कोई आदेश पारित नहीं करेंगे। आपको राष्ट्रपति के संदर्भ पर फैसले आने तक इंतजार करना होगा। आपको मुश्किल से चार सप्ताह और इंतजार करना होगा। संदर्भ पर 21 नवंबर से पहले निर्णय ले लिया जायेगा।

23 नवंबर को रिटायर हो रहे CJI गवई

गौरतलब है कि 21 नवंबर को मौजूदा CJI गवई का अंतिम कार्यदिवस होगा। वे 23 नवंबर को इस पद से रिटायर हो रहे हैं। इसी का हवाला देते हुए उन्होंने सिंघवी से कहा कि आपको थोड़ा इंतजार करना होगा। हालांकि कितने दिन का इंतजार करना होगा? उस पर खुद ही टाइमलाइन तय कर दी और इशारा किया कि रिटायर होने से पहले ही राष्ट्रपति के संदर्भ मामले पर फैसला सुनाकर विदा होंगे।

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