
नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के आईएनएक्स हेराफेरी मामले में दाखिल हुई उनकी अग्रिम जमानत याचिका को शीर्ष न्यायालय ने खारिज कर दिया है। शीर्ष न्यायालय के जस्टिस रमन्ना की बेंच ने चिदम्बरम की याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए उसे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के पास भेज दिया है। इस तरह शीर्ष न्यायालय से चिदंबरम को फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है
सीबीआई और ईडी ने याचिका का किया विरोध
बता दें कि पी चिदंबरम की तरफ से कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद और विवेक तनखा शीर्ष न्यायालय पहुंचे थे। कपिल सिब्बल ने जस्टिस रमन्ना की तीन जजों की बेंच को सामने आग्रह किया कि, चीफ जस्टिस की कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई हो रही इसलिए उनकी अपील को जल्दी सुना जाए। इससे पहले सीबीआई और ईडी ने चिदंबरम की जमानत याचिका का विरोध किया। ईडी की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चिदंबरम पर मनी लॉन्ड्रिंग का गंभीर आरोप है।
कपिल सिब्बल ने कहा गिरफ्तारी का है डर
कपिल सिब्बल ने शीर्ष न्यायलय में सुनवाई के दौरान कहा कि हमें गिरफ्तारी का डर है इसलिए हमारी याचिका सुन लिजिए। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने भी अपील का समय नहीं दिया इसलिए फिलहाल गिरफ्तारी से राहत मिले। इसपर जिस्टिस रमन्ना ने कहा कि ये मुख्य न्यायाधीश तय करेंगे की कब और कौन सुनवाई करेगा। वहीं पी. चिदंबरम ने अपनी सफाई में कहा कि वो राज्यसभा सदस्य हैं इसलिए उनके भागने की आशंका नहीं है, उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नहीं। गौरतलब है कि जीफ जस्टिस की बेंच अभी अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही इसलिए, फिलहाल चिदंबरम को राहत मिलना मुश्किल है।