

हुगली : रानाघाट की नन्ही अस्मिका दास के हाथों चंदननगर के हेला पुकुर जगद्धात्री पूजा का उद्घाटन हुआ। अस्मिका “स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी” नामक दुर्लभ बीमारी से जूझ रही थी, जिसके इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये की जरूरत थी। असंभव प्रतीत होने वाले इस कार्य में समाज के कई लोग आगे आए और अंततः अस्मिका को जीवनदायी इंजेक्शन मिल सका। समिति के सचिव सुमित सरकार ने बताया कि यह पूजा अब अपने 56वें वर्ष में है। मां को “सोना मां” इसलिए कहा जाता है क्योंकि चुंचुड़ा की एक स्वर्णाभूषण संस्था हर साल मां को सोने से मढ़ती है। इस बार मां को गहनों से सजाया गया है। हेला पुकुर पूजा समिति ने भी अस्मिका इलाज के लिए वर्षभर पहले 85 हजार रुपये की सहायता दी थी और तभी निश्चय किया था कि अस्मिका के स्वस्थ होने पर उसी से जगद्धात्री मां का उद्घाटन कराया जाएगा। इस वर्ष उनका कार्य पूरा हुआ जब चतुर्थी के दिन अस्मिका ने “सोना मां” का उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में राज्य के मंत्री इंद्रनील सेन सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।