
नई दिल्ली : वैसे तो अल्कोहल स्वास्थ के लिए उचित नहीं माना जाता, लेकिन पुरुषों में ही नहीं महिलाओ में भी अल्कोहल का चलन इन दिनों काफी बढ़ रहा है। फरीदाबाद के क्यूआरजी हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने दिल की समस्याओं से ग्रस्त मरीजों के लिए अल्कोहल का उपयोग करना अच्छा बताया है। इस नई विधि को ‘अल्कोहल सेप्टल एब्लेशन’ कहा जाता है। क्यूआरजी के चिकित्सकों ने इस विधि की मदद से ‘हाइपरट्रोपिक कार्डियोमायोपैथी’ से ग्रस्त 47 वर्षीय व्यक्ति का इलाज सफलतापूर्वक किया है। ‘हाइपरट्रोपिक कार्डियोमायोपैथी’ दिल की आम बीमारी है, जिसमें दिल की मांसपेशियां मोटी हो जाती है और यह अचानक मौत का कारण बनती है।
क्यूआरजी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. गजेन्द्र गोयल ने बताया कि पिछले एक साल से अधिक समय से इस मरीज को छाती में दर्द की समस्या थी और सांस लेने में दिक्कत होने लगती थी। जांच से पता चला कि उसे हाइपरट्रॉपिक कार्डियोमायोपैथी है, जिसमें दिल की मांसपेशियां मोटी हो जाती है और ह्रदय रक्त को पंप नहीं कर पाता। इससे छाती में दर्द, सांस लेने में दिक्कत तथा चक्कर आने जैसी समस्याएं होती है, यह तब और बढ़ जाता है, जब अधिक श्रम करते हैं। डॉ. गोयल ने बताया कि हमारी टीम ने ‘अल्कोहल सेप्टल अब्लेशन’ नाम की नई इंटरवेंशनल तकनीक का सहारा लिया, जिसमें बैलून के जरिए ह्रदय की सेप्टल आर्टरी को बंद कर देते हैं और डेढ मिलीलीटर शुद्ध अल्कोहल प्रवाहित करते हैं। यह अल्कोहल ह्रदय की अतिरिक्त मांसपेशी को जला देती है और इस तरह हमारा ह्रदय रक्त पंप करने लगता है।