
नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय कन्या दिवस के मौके पर देश के 10 राज्यों से प्लान इंडिया के गर्ल चेंजमेकर्स राजदूतों की भूमिका में तथा 22 राजनयिक मिशनों के उच्चायुक्त एकजुट हुए। इस मिशन में प्लान इंडिया और भारत में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल की भागीदारी वाला अनेक पक्षीय अभियान है। इस अभियान को आस्ट्रेलिया, बेल्जिया, स्लोवाकिया, कनाडा, चेक गणराज्य, डेनमार्क, नॉर्वे, एस्टोनिया, फिनलैंड, न्यूजीलैंड, जर्मनी, इस्राइल, पोलैंड, स्लोवेनिया, मेक्सिको, लिथुआनिया, लातबिया, इक्वाडोर, स्वीडन, बुल्गारिया, अर्जेंटीना तथा स्विट्जरलैंड के राजनयिक मिशनों की भागीदारी का लाभ और समर्थन हासिल है। यह तीसरा साल है, जब प्लान इंडिया तथा राजनयिक मिशनों ने इंटरनेशनल डे ऑफ द गर्ल चाइल्ड के लिए भागीदारी की है। संयुक्त राष्ट्र ने लड़कियों के लिए अधिक अवसरों को उपलब्ध कराने तथा दुनियाभर में उनके साथ होने वाले भेदभाव के बारे में जागरूकता लाने के लिए यह दिवस घोषित किया है।
भारत कि बात करें तो, आकड़ों के मुताबिक संसद में सिर्फ 11.6% महिला प्रतिनिधि हैं और 25 वर्ष या अधिक उम्र की केवल 39 % महिलाएं ही सेकंडरी शिक्षा प्राप्त करती हैं। 18-29 वर्ष की 26% महिलाओं की उम्र18 साल से पहले हो गई थी। भारत में हर 1000 पुरुषों पर सिर्फ 898 महिलाएं ही हैं। गर्ल चेंजमेकर्स प्लान को 10 राज्यों – उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, दिल्ली, ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और झारखंड ने सपोर्ट किया है। यह टेकओवर, कॉर्पोरेट जगत, सरकारी दफ्तरों, मीडिया तथा स्थानीय शासन निकायों को भी दिया गया। प्लान इंडिया के समर्थन वाले समुदायों से गर्ल चेंजमेकर्स ने देशभर की 270 ग्राम पंचायतों को अपने हाथों में लिया। इस पहल ने लड़कियों और महिलाओं को भी समान अधिकार, स्वतंत्रता तथा प्रतिनिधित्व देने की जरूरत की ओर ध्यान खींचा है। गर्ल चेंजमेकर्स ने इस बात पर जोर दिया कि उनके अधिकारों को भी सुना और देखा जाए। हर साल 11 अक्टूबर को ‘गर्ल्स गैट इक्वल’ कैंपेन के तहत लड़कियों की शक्ति, सक्रियता और नेतृत्व को प्रोत्साहन दिया जाता है।
भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत उगो अस्तुतो ने कहा कि यूरोपीय संघ लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के मोर्चे पर विकास का समर्थक है। इस मौके पर गर्ल चेंजमेकर्स कि कार्यकारी निदेशक अनुजा बंसल ने कहा कि लैंगिक असमानता एक वैश्विक मुद्दा है जो हर देश के पुरुषों और महिलाओं को प्रभावित करता है। उच्च स्तरों पर लड़कियों और युवतियों के लिए अवसर बेहद सिमित होते हैं। दुनियाभर में नेतृत्वशाली स्थितियों पर उनका प्रतिनिधित्व बहुत कम होता है। गर्ल्स टेकओवर्स लड़कियों और युवतियों को शक्तिशाली पदों को हासिल करने का अवसर प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें अपने हक में आवाज उठाने और बदलाव लाने का अवसर देता है।
तेलंगाना की गर्ल चेंजमेकर ज्योति का कहना है कि अभिभावकों और समुदायों के स्तर पर बच्चों से जुड़े मसलों के बारे में जानकारी न होने से समान अवसरों को हासिल करने का लक्ष्य दूर हो जाता है। स्विट्जरलैंड एंबेसी के टेकओवर के दौरान अपने अनुभव से मैंने यह जाना कि यह दुनिया हमारी जानकारी से कहीं अधिक है और उससे कहीं आगे तक इसका प्रसार है, जितना हम समझते हैं या हमारी पहुंच जहां तक होती है। मैं अपने समुदाय में लड़कियों से जुड़े मसलों पर और भी गंभीरता से काम करने तथा उन्हें सशक्त बनाने के लिए अब पहले से भी ज्यादा प्रेरित हूं। दुनियाभर में गर्ल्स टेकओवर्स 60 देशों में आयोजित किया गया, जिसमें 1,000 से अधिक लड़कियों ने भाग लिया।