सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के 83वें जन्मदिन पर शनिवार को कोलकाता में उनके प्रशंसकों ने भव्य आयोजन कर इस दिन को खास बना दिया। शहरभर में केक काटे गए, विशेष हवन किए गए, बच्चों के लिए भोज का आयोजन हुआ और 'अमिताभ चालीसा' का पाठ कर इस दिन को श्रद्धा से मनाया गया।
कोलकाता स्थित ‘अमिताभ बच्चन फैन क्लब’ ने पिकनिक गार्डन में स्थित ‘बच्चन मंदिर’ को विशेष रूप से सजाया और दिनभर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया। क्लब की ओर से 83 बच्चों को पाठ्य पुस्तकें वितरित की गईं और उन्हें विशेष लंच पर ले जाया गया। इसके बाद कालीघाट मंदिर में एक विशेष हवन का आयोजन हुआ, जिसमें बच्चन जी की अच्छी सेहत और लंबी उम्र की कामना की गई।
‘शोले’ और ‘दीवार’ की 50वीं वर्षगांठ पर विशेष स्क्रीनिंग की तैयारी
फैन क्लब के संजय पटोदिया ने बताया कि बच्चन जी की दो कालजयी फिल्मों ‘शोले’ और ‘दीवार’ की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर इनकी विशेष स्क्रीनिंग की योजना बनाई गई है। “हमने इन फिल्मों के प्रिंट विदेश से मंगवाने के लिए वितरकों से संपर्क किया है। शनिवार को हम 'अनुसंधान' — बच्चन जी की एकमात्र बंगाली फिल्म — दिखाना चाहते थे, पर प्रोडक्शन हाउस फिल्म की प्रति नहीं ढूंढ सका,” उन्होंने बताया।
सीएम ममता बनर्जी ने दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शुभकामना संदेश साझा किया। उन्होंने लिखा, “आपको उत्तम स्वास्थ्य, खुशियों और प्रेरणादायक वर्षों की शुभकामनाएं। मैं 1984 से अमिताभ जी के साथ साझा आत्मीय संबंध को सहेज कर रखती हूं, जब हम दोनों पहली बार सांसद बने थे।”
‘शोले’ की थीम पर जन्मदिन पार्टी बनी आकर्षण का केंद्र
इस वर्ष ‘शोले’ के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शहर में कई आयोजन हो रहे हैं। अगस्त में दोस्तों अनिरुद्ध मैती और इंद्रनील मित्रा ने अपनी 50वीं वर्षगांठ ‘शोले’ थीम पर मनाई। सेक्टर V के एक रेस्टोरेंट में ‘रामगढ़’ का सेट तैयार किया गया, जिसमें गब्बर की चट्टानें, वीरू की जंजीरें, बसंती का कांच पर नृत्य और बाइक विद साइडकार जैसी सजावटों ने फिल्म के दृश्यों को जीवंत कर दिया।
खूनदान शिविर से मानवता का संदेश
फैन क्लब ने इस अवसर पर रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया, जिससे जन्मदिन को समाजसेवा से जोड़ा गया।
शहर में हर वर्ग के लोगों ने शहंशाह को उनके विशेष दिन पर अनोखे अंदाज़ में श्रद्धांजलि दी, यह दर्शाता है कि अमिताभ बच्चन केवल एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक प्रतीक बन चुके हैं।