
लखनऊ : जल संरक्षण को बढ़ावा देने और पानी की बर्बादी रोकने के लिए उत्तर प्रदेश(यूपी) विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने आदेश दिया है कि विधानसभा परिसर में पहले केवल आधा गिलास पानी ही दिया जाएगा। प्रमुख सचिव (विधानसभा) प्रदीप दुबे ने गुरुवार को जारी आदेश में कहा कि अध्यक्ष के निर्देश पर विधानसभा परिसर में केवल आधा गिलास पानी ही उपलब्ध कराया जाएगा। दुबे ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि अक्सर पूरे भरे गिलास का पानी इस्तेमाल नहीं होता है इसलिए यूपी विधानसभा में अब सभी को आधा गिलास पानी दिया जाएगा।
तत्काल प्रभाव से लागू होगा नियम
दीक्षित के निर्देश पर दूबे ने इस व्यवस्था को विधानसभा और सचिवालय में तत्काल प्रभाव से लागू करने की बात कही है। गौरतलब है कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में लोगों से जल संरक्षण की अपील की थी। पीएम की अपील को यूपी विधानसभा अध्यक्ष ने गंभीरता से लेते हुए विधानसभा परिसर में आधा गिलास पानी देने वाला नियम बनाया है। परिसर में प्रारम्भ में आधा गिलास जल दिया जाएगा। लोगों को आवश्यकता होने पर फिर से पानी दिया जाएगा। कई बार यह देखा गया है कि भरे हुए गिलास से लोग एक-दो घूंट पीकर या आधा गिलास पानी पीकर छोड़ देते हैं ऐसे में बाकी पानी बर्बाद हो जाता है।
नीति आयोग ने जताई चिंता
आपको बता दें कि नीति आयोग पहले ही कह चुका है कि भारत इस समय सबसे भयावह जल संकट से जूझ रहा है। लगभग 60 करोड़ लोगों को हर रोज पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है। करीब 2 लाख लोग हर साल साफ पेयजल न मिलने से मर रहे हैं। आलम तो ऐसा हो गया है कि देश के 75 प्रतिशत मकानों में पानी की सप्लाई नहीं है। इस संकट को गहराता देख आयोग ने आशंका जताई है कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो साल 2030 तक पानी की किल्लत और भी विकराल हो जाएगी।