अब खुद बैगेज टैग करने की सुविधा
कोलकाता : एयरपोर्ट पर अब एक नई सुविधा शुरू की गई है, जिससे यात्रियों को लंबी कतारों से निजात मिल सकती है। एयरलाइन चेक-इन काउंटर पर बैगेज जमा करने के लिए लगने वाली कतारों का सामना अब यात्री नहीं करेंगे, क्योंकि कोलकाता एयरपोर्ट पर सेल्फ-बैगेज टैग कियोस्क की सुविधा शुरू की गई है। इस कियोस्क के माध्यम से यात्री अपने बैग पर खुद बैगेज टैग लगा सकते हैं, जिसे फिर कन्वेयर बेल्ट पर जमा करके वे सीधे सुरक्षा जांच (सिक्योरिटी चेक) के लिए जा सकते हैं। यह नया सिस्टम यात्रियों को 5 से 20 मिनट तक का समय बचाने में मदद करेगा, जिससे एयरपोर्ट पर यात्रा और भी सुगम हो जाएगी।
पेपरलेस डिजी यात्रा तकनीक से मिली सहूलियत
कोविड-19 महामारी के बाद एयरलाइन कंपनियों ने सन्मार्ग को बताया कि अपनी प्रक्रियाओं को डिजिटल बना दिया था। पहले, यात्रियों को चेक-इन काउंटर पर लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था, जहां टिकट और आईडी वेरिफिकेशन, चेक-इन प्रक्रिया और बोर्डिंग पास प्राप्त करने में बहुत समय लगता था। लेकिन वेब चेक-इन और पेपरलेस डिजी यात्रा तकनीक के लागू होने से यात्रियों को काफी राहत मिली है। अब यात्रियों को टर्मिनल प्रवेश और सुरक्षा जांच के दौरान कतारों में खड़ा होने की आवश्यकता नहीं होती। हैंड बैगेज के साथ यात्रा करने वाले यात्री अब 10 मिनट के भीतर सुरक्षा जांच तक पहुंच सकते हैं, जबकि पहले उन्हें यह प्रक्रिया 30-45 मिनट में पूरी करनी पड़ती थी।
इस नई सेल्फ-बैगेज टैग कियोस्क सेवा ने रजिस्टर्ड बैगेज जमा करने की प्रक्रिया को भी सरल और तेज बना दिया है। यात्रियों को बैगेज चेक-इन काउंटर पर लंबी कतारों में खड़ा होने की अब जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके जरिए यात्री अपने बैग को खुद टैग करके उसे कन्वेयर बेल्ट पर रख सकते हैं, जिससे पूरी प्रक्रिया तेज और सरल हो जाती है।
एयरपोर्ट अधिकारी का बयान
कोलकाता एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने सन्मार्ग को बताया कि इस पहल के बारे में जानकारी दी और बताया कि पहले, हैंड बैगेज के साथ यात्रा करने वाले यात्रियों को काफी सहूलियत मिल चुकी थी, लेकिन बड़ी बैग्स वाले यात्रियों को अब भी बैगेज जमा करने के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था। हालांकि, अब कुछ एयरलाइंस ने वेब चेक-इन के साथ बैगेज टैग प्रिंट करने की सुविधा शुरू की है, लेकिन ये टैग्स बैग पर सही तरीके से चिपकाना जरूरी होता है, ताकि बैग को सही फ्लाइट में लोड किया जा सके और वह सही गंतव्य तक पहुंचे। यदि बैग खो जाता है, तो इन्हीं टैग्स से उसका पता लगाया जा सकता है। अब सेल्फ-बैगेज टैगिंग की सुविधा शुरू होने से यह प्रक्रिया एक मिनट के भीतर पूरी की जा सकती है।
तीन एयरलाइंसों ने शुरू की सेवाएं
इस सुविधा को शुरू में इंडिगो, एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस जैसी तीन प्रमुख एयरलाइनों ने अपनाया है। ये तीनों एयरलाइंस मिलकर कोलकाता एयरपोर्ट से संचालित होने वाली 80% घरेलू उड़ानों को कवर करती हैं। खासकर इंडिगो और एयर इंडिया के चेक-इन काउंटरों पर यात्रियों की भीड़ काफी अधिक होती है, और अब इस नई सुविधा के चलते यात्रियों को लंबी कतारों से राहत मिलने की संभावना है।
यात्रियों का अनुभव
इस नई सुविधा के बारे में यात्रियों का अनुभव सकारात्मक रहा है। अमित पोद्दार, जो मुम्बई के एक मेडिकल कॉलेज में पढ़ाते हैं, ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “यह एक बहुत अच्छा अनुभव रहा। मैंने तुरंत ही अपना बैग जमा कर दिया, जबकि पहले मुझे 25 मिनट तक लाइन में खड़ा रहना पड़ता था। यह सुविधा बहुत ही शानदार है और खासकर बार-बार यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए काफी मददगार साबित होगी।”
सेल्फ-बैगेज टैगिंग की प्रक्रिया
- वेब चेक-इन के दौरान प्राप्त बोर्डिंग पास को कियोस्क पर स्कैन करें या फिर पीएनआर और अंतिम नाम दर्ज करें।
- उसके बाद, आप जमा किए जाने वाले बैग की संख्या चुनें।
- फिर, अपने बैग को कियोस्क के पास रखी कन्वेयर बेल्ट पर रखें।
- अगर बैग का कुल वजन 15 किलोग्राम के अंदर है, तो बैगेज टैग प्रिंट किया जाएगा।
- एयरलाइन का ग्राउंड स्टाफ बैग पर टैग लगाकर यात्रियों को काउंटरफॉयल सौंप देगा।
इस प्रक्रिया के जरिए यात्रियों को बहुत अधिक सुविधा प्राप्त हो रही है। इससे न केवल उनके समय की बचत हो रही है, बल्कि पूरे एयरपोर्ट अनुभव को भी सुगम और तेज बनाया गया है।
: – नेहा सिंह