तुम मुझे भूल जाओ, ये मैं होने नहीं दूंगा… शाहरुख ने इसी सनक में अंकिता को दी खौफनाक मौत

दुमका: दुमका में इस वक्त तनाव का माहौल है। एकतरफा प्यार की सनक की शिकार अंकिता की मौत के बाद से कुछ संगठन के लोग इसे राजनीतिक रंग देने में जुटे हैं। राजनीतिक बयानबाजी या समाज के लोगों का नजरिया इस केस पर अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन इस केस को लेकर देश दुनिया के लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर इसकी शुरुआत कैसे हुई। नाबालिग अंकिता पर शाहरुख ने किस तरह के जुल्म ढाये। शाहरुख अंकिता के पीछे क्यों पड़ा था। क्या अंकिता ने खुद के बचाव के लिए परिवार वालों की मदद नहीं ली थी। अंकिता की मौत के बाद ऐसे तमाम सवाल हैं जिनका जवाब हर कोई जानना चाहता है।

फिल्म धड़कन का एक चर्चित डायलॉग है- ‘मैं तुम्हें भूल जाऊ ये हो नहीं सकता, तुम मुझे भूल जाओ ये मैं होने नहीं दूंगा।’ दुमका की अंकिता की मौत की कहानी भी कहीं ना कहीं इस डायलॉग के इर्द-गिर्द दिखती है। दुमका के ज़रूवाडीह इलाके में मासूम अंकिता अपने परिवार वालों के साथ रहती थी। उसने इसी साल 10वीं बोर्ड की परीक्षा पास की थी। कुछ महीने पहले एक दिन अंकिता स्कूल से क्लास करके लौट रही थी। उस दौरान वह अपने दोस्तों के साथ हंसते बोलते हुए आ रही थी, तभी पड़ोस में रहने वाले शाहरुख की नजर उसपर पड़ गई। अंकिता को देखते ही शाहरुख उसे पसंद करने लगा।
अंकिता का इनकार शाहरुख के जुनून को बढ़ाने लगा
अंकिता जब कभी बाहर जाती तो शाहरुख उसका पीछा करता। कई बार तो वह अंकिता को रास्ते में रोककर उससे दोस्ती करने की इच्छा भी जाहिर कर दी। लेकिन अंकिता की ओर से उसे हर बार एक ही जवाब मिलता- तुम ये सब करना बंद करो, तुमसे दोस्ती करने में मेरा कोई इंट्रेस्ट नहीं है।’ अंकिता का इनकार शाहरुख के जूनून को बढ़ाने लगा। उसने अंकिता के नजदीक जाने के लिए उसके दोस्तों से दोस्ती कर ली। उसके बाद उसने अंकिता से दोस्तों से उसका नंबर निकाल लिया। अब शाहरुख रात-बेरात कभी भी अंकिता को कॉल करता और बार-बार दोस्ती करने की जिद्द करता। वहीं अंकिता बार-बार उसे दोस्ती नहीं करने का जवाब देती। अंकिता ने कई बार शाहरुख का नंबर ब्लॉक कर दिया, लेकिन वह हर बार नए-नए नंबरों से कॉल करने लगा। बार-बार अंकिता के इनकार से शाहरुख के अंदर बौखलाहट होने लगी। वह उग्र भी होने लगा।

कब किया हमला?
23 अगस्त को अंकिता अपने कमरे में सो रही थी। कमरे का दरवाजा तो लॉक था, लेकिन खिड़की खुली थी। तभी शाहरुख ने बाहर से ही देख लिया कि अंकिता बेफिक्र होकर कमरे में सो रही है। तभी वह पेट्रोल लेकर खिड़की के रास्ते कमरे में दाखिल हुआ और सो रही अंकिता पर छिड़ककर उसे आग लगा दी। आग लगाने के बाद शाहरख खिड़की के रास्ते ही फरार हो गया। अंकिता की चीख पुकार सुनकर घर वाले आए और जैसे तैसे आग बुझाकर उसे दुमका के फूलों झानो मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। वहां पता चला कि अंकिता को इंटरनल इंजरी आई है। बेहतर इलाज के लिए अंकिता को रांची रिम्स रेफर कर दिया गया। रांची रिम्स में इलाज के दौरान अंकिता की मौत हो गई। अंकिता की उम्र महज 15 साल 9 महीने और 2 दिन थी। झारखंड शिक्षा बोर्ड से जारी मैट्रिक के रिजल्ट कार्ड में उसकी उम्र यही दर्ज है।अंकिता की जिद्द थी चाहे जो हो जाए वह शाहरुख से दोस्ती नहीं करेगी

अंकिता की बहन ने बताया कि वह दो बहन और एक भाई हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 10-15 दिनों से शाहरुख कुछ ज्यादा ही उग्र हो गया था। वह हाथा धोकर अंकिता के पीछे लग गया था। वह बार-बार बात करने के लिए और दोस्ती करने के लिए दबाव बना रहा था। इसपर अंकिता ने कहा कि तुम अलग धर्म से हो इसलिए हमारी दोस्ती नहीं हो सकती है। उन्होंने बताया कि परिवार में दादा-दादी, पिता और भाई हैं। दो साल पहले ही कैंसर से मां की मौत हो चुकी है। मां के इलाज में घर की जमीन जायदाद और सारी सेविंग खर्च हो गए लेकिन उनको बचाया नहीं जा सका। तभी से परिवार की आर्थिक स्थिति खराब है। इंटर की पढ़ाई के बाद ही अंकिता की बहन की शादी हो गई थी, वह अपने ससुराल में ही रहती है। बहन ने बताया कि अंकिता जिद्दी स्वभाव की थी। वह जो ठान लेती थी उसे ही करती थी। घर पर भी उसे जो चाहिए होता था वह उसी की जिद्द करती रहती थी। अंकिता पुलिस सेवा में जाना चाहती थी। वह उसी को ध्यान में रखकर अपनी फिजिकल फिटनेस पर भी ध्यान देती थी। पापा भी उसके इस ड्रीम को सपोर्ट कर रहे थे।अंकिता की मौत पर क्या कह रही है पुलिस

अंकिता की मौत के बाद दुमका में हालात बेहद खराब और तनावपूर्ण हैं। इसके बाद जिले के एसपी अंबर लकड़ा खुद सड़क पर उतर कर हालात का जायजा ले रहे हैं। रविवार पूरे दिन दुमका में आरोपी को फांसी दिलाने की मांग पर हंगामा होता रहा। जिले के एसडीएम ने हालात पर काबू पाने के लिए धारा 144 लागू कर दिया। इस बीच बीजेपी समेत तमाम हिदू संगठनों की तरफ से बयानबाजी और प्रदर्शन का दौर भी जारी है। जिले के एसपी बताते हैं कि, ” 23 तारीख को जब घटना हुई थी उसी दिन आरोपी शाहरुख को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। इस संबंध में जितना ठोस साक्ष्य हम लोग को मिला है और डाईंग डिक्लेरेशन के साथ साथ जितना एविडेंस है उनका कलेक्शन करके हमारा मकसद रहेगा कि आरोपी को कैपिटल पनिशमेंट जैसे फांसी की सजा दिलाई जा सके। पीड़िता के परिवार को सरकार की तरफ से जो मुआवजा देय होगा वह मिलेगा।

 

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