आप भी बढ़ा सकती हैं अपनी रोगप्रतिरोधक क्षमता

पिछले कुछ दशकों से कामकाजी व घरेलू महिलाओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट की दर तेजी से बढ़ती जा रही है जिससे वे विभिन्न मौसमी बीमारियों व एलर्जी की चपेट में बड़ी आसानी से आ जाती हैं। दरअसल अनियमित दिनचर्या और तनाव अक्सर शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली (इम्यूनो सिस्टम) को कमजोर कर डालती है।

इसके अलावा विटामिन सी, जिंक, आराम, व्यायाम, हास्य और पौष्टिक भोजन की कमी के फलस्वरूप भी शरीर में रोगप्रतिरोधक क्षमता क्षीण हो जाती है।

डॉक्टरों के अनुसार एलर्जी, खांसी-जुकाम, फ्लू, थकान, बुखार, घबराहट, संक्रमण जैसी समस्याएं भी कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों में ज्यादा पाई जाती हैं जिसकी वजह से ऐसे रोगों को शारीरिक व मानसिक रूप से ज्यादा कष्ट उठाने पड़ते हैं जिसकी वजह से इनके शारीरिक, मानसिक, आर्थिक व सामाजिक जीवन में नकारात्मक प्रभाव दृष्टिगोचर होने लगते हैं।

वैज्ञानिक शोधों के अनुसार ”पिछड़े व विकासशील देशों में ज्यादातर महिलाओं का इम्यून सिस्टम अक्सर दुर्बल पाया जाता है।

रूढ़िवादी संकीर्ण सोच के चलते प्राय: महिलाओं के खानपान व उनकी भावनात्मक जरूरतों पर ध्यान नहीं दिया जाता है लेकिन कतिपय उपायों पर अमल करके साधारण महिलायें स्वयं के साथ-साथ पूरे परिवार की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकती हैं।

●अपनी भावनाओं को किसी के साथ अवश्य शेयर करें। लगातार कुण्ठित व तनावग्रस्त रहने से शरीर का इम्यून सिस्टम बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होता रहता है।

●फुर्सत के समय में हास्य धारावाहिक, कार्यक्रम या फिल्में देखें। हास्य व्यंग्य के कार्यक्रम देखें-सुनें। घर में हंसी-खुशी का वातावरण बनाये रखें। हंसमुख व्यक्तियों की संगत में रहकर हंसते मुस्कुराते रहिए।

●बीमारी या तनावग्रस्त अवस्था में रोने या भयभीत होने के बजाय, हंसाने वाले लोगों की कंपनी (मण्डली) में शामिल होकर, जीवन में हास परिहास की उपयोगिता का प्रत्यक्ष अनुभव करिये क्योंकि डॉक्टरों के अनुसार हंसने से व्यक्ति के शरीर में इम्यूनोग्लोबिन का स्तर अपेक्षाकृत बढ़ जाता है जिससे शरीर में रोगप्रतिरोधक प्रणाली सबल बनती है।

●नियमित शारीरिक व्यायाम या खेलकूद के अभाव में भी इम्यूनसिस्टम का ह्रास होने लगता है। प्रतिदिन भ्रमण, तैराकी, रस्सी कूदने, कसरत, जॉगिंग, बागवानी में से किसी के लिये अवश्य थोड़ा समय निकालें।

●पर्याप्त नींद की कमी (अनिद्रा) से भी रोगप्रतिरोधक क्षमता दुर्बल होने लगती है, अत: प्रतिदिन 7-8 घण्टे अवश्य गहरी व चिंतामुक्त निद्रा लेने की चेष्टा करें।

●शराब, सिगरेट, गुटका, बाजारू शीतल पेय के सेवन से यथासंभव बचें। इनके सेवन करने वालों में अक्सर श्वसन तंत्र में संक्रमण, खांसी जुकाम, त्वचा रोगों की शिकायत बनी रहती है।

●अपने प्रतिदिन के आहार में विटामिन सी युक्त फल व सब्जियों जैसे आंवला, संतरा, मौसमी व बेर का अवश्य सेवन करें।

●जिंकयुक्त खाद्य पदार्थ जैसे बाजरा, सेम, पालक, अंकुरित दालें व सूखे मेवों का संतुलित मात्रा में इस्तेमाल करने से शरीर का इम्यून सिस्टम सही रहता है।

कई बार शरीर में जिंक की न्यूनता भी रोग प्रतिरोधक शक्ति कमजोर बना डालती है।

● पूर्णिमा मित्र, स्वास्थ्य दर्पण

शेयर करें

मुख्य समाचार

Radha Ashtami 2023: राधा अष्टमी पर अगर पहली बार रखने जा …

कोलकाता : हिंदू धर्म में भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी की तिथि को बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व माना गया है क्योंकि इस दिन भगवान आगे पढ़ें »

World Heart Day 2023: क्यों 29 सितंबर को मनाया जाता है ‘वर्ल्ड हार्ट डे’, इस बार है ये थीम

कोलकाता : 'कहते हैं न दिल खुश तो सब खुश'... यह सिर्फ बोलने वाली बात नहीं है बल्कि सोचने और समझने वाली बात है। इसी आगे पढ़ें »

ऊपर