
Mid-adult man clutching his chest in pain with a possible heart attack. He wears a blue, button down dress shirt. Heart disease.
आजकल बहुत से लोग हृदय रोग के चलते हृदयाघात का शिकार होते हैं। हृदयाघात की स्थिति आज के दौर में सामान्य हो गई है। कोलेस्ट्राल अर्थात रक्त में चर्बी की वजह से 90 प्रतिशत रोगियों की कोरोनरी धमनियों के भीतरी व्यास के संकुचित होने से हृदयाघात होता है। यह संकुचन रक्त के स्वाभाविक प्रवाह को प्रभावित करता है। इन धमनियों में चर्बी के जमने से संकरापन आ जाता है। वे अपना लचीलापन गंवा बैठती हैं और सख्त हो जाती हैं जिसके चलते धमनियों में हृदय की पेशियों को समुचित पोषण दे पाने की क्षमता नहीं बचती। इसीसे एंजाइना और दिल के दौरे का संकट सामने आता है। इन धमनियों में वसा जमना बढ़ती उम्र की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है किंतु खून में कोलेस्ट्राल की अधिकता, उच्च रक्तचाप, मधुमेह से इन धमनियों की भीतरी दीवारों पर कोलेस्ट्राल जमा होने लगता है। इसके लगातार जमने से धमनियां सख्त हो जाती हैं तथा हृदय से बाहर शरीर के लिए निकलने वाले रक्त मार्ग में व्यवधान करती हैं। इस रुकावट के चलते हृदय काम करना बंद कर सकता है अथवा हार्ट अटैक हो सकता है। इसके इलाज की व्यवस्था भी आजकल है किंतु विषम स्थिति सामने आने पर बहुत कुछ हाथ से बाहर हो जाता है। समस्या सामने आए, इसके पूर्व सचेत हो जाएं। अधिक तेल घी वाले पदार्थ और धूम्रपान को पूरा त्याग दें। मीठा भी कम कर दें। अधिक मीठा भी रक्त में वसा को बढ़ाता है। रक्त वाहिकाएं धमनियां कड़ी हों एवं संकरी हो, लचीलापन खो दें, इसके पूर्व ही संभल जाएं।