देर से शादी करने के होते हैं अपने ये 4 फायदे

कोलकाता : चाहे वह रिश्‍तेदार हो दोस्‍त या फिर खुद घर के वाले भारतीय समाज में एक उम्र के बाद शादी का प्रेशर बढ़ने लगता है। हर पैरेंट्स की चाहत होती है कि उनके बच्चों की शादी सही समय पर सही घर में हो जाए। हालांकि, शादी करने का फैसला पूरी तरह से व्यक्तिगत होना चाहिए। लेकिन सही समय आने के बाद शादी न करने जैसी बातें घर में विद्रोह पैदा करने लगती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि बहुत से लोगों का कहना है कि जिनकी शादी देर से होती है, उनमें जरूर कुछ न कुछ कमी है। हालांकि, ऐसे लोगों को यह समझना चाहिए कि देर से शादी करना गलत व्यक्ति से जल्दी शादी करने से ज्यादा बेहतर है। इस दौरान न केवल आप अपनी लाइफ को खुलकर जी पाते हैं बल्कि खुद को समझने का मौका भी मिलता है
ज़िम्मेदारी समझने का मौका
देर से शादी करने पर कपल एक-दूसरे से जुड़ी ज़िम्मेदारी और प्राथमिकताए समझते हैं। ऐसे कपल्स न केवल बात-बात पर झगड़ा करने से बचते है बल्कि उन्हें यह भी पता होता है कि उनके रिश्ते के लिए क्या बेहतर है। यही नहीं, देर से शादी करने वाले लोगों को खुद को भी इमोशनली स्‍टेबल करने का मौका मिलता है, जिसकी वजह से भी कपल्स के बीच तनाव न के बराबर देखने को मिलता है
सेक्‍सुअल लाइफ बेहतर
अगर आप किसी गलत इंसान के साथ शादी के बंधन में बंध जाते हैं, तो वहां आपकी लाइफ से इच्छा पूरी तरह खत्म हो जाती है। जबकि एक अच्छे पार्टनर के साथ आप अपने हर पल को एन्जॉय कर पाते हैं। यही नहीं, अधिक उम्र शादी करने वाले लोग कम उम्र के लोगों की तुलना में अपनी सेक्स लाइफ को भी खुलकर एन्जॉय करते हैं, जिसकी वजह से भी उनकी शादीशुदा जिंदगी में बैलेंस बना रहता है।
रिश्ते में बनी रहती है ईमानदारी
जब हम सही लाइफ पार्टनर की तलाश करते हैं, तो वहां बहुत सारा समय, प्रयास, धैर्य और समझ को खर्च करते हैं, जिसकी वजह से हमें उसे रिश्ते की ईमानदारी का एहसास होता है। वहीं जिन लोगों को बिना हाथ-पैर मारे एक बढ़िया साथी मिल जाता है, तो वह अपने रिश्ते को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं रहते हैं, जिसका नतीजा पति-पत्नी के बीच शक-लड़ाई, गुस्सा और जलन की भावना पैदा हो जाती है।
आर्थिक चिंता न के बराबर
जो लोग देर से शादी करते हैं, वह आर्थिक तौर पर मजबूत होते हैं, जिसकी वजह से उन्हें अपने रिश्ते में पैसों की कमी को नहीं देखना पड़ता है जबकि कम उम्र में शादी करने लोग इस दौरान खुद को आर्थिक रूप से मजबूत करने की कोशिश कर ही रहे होते हैं कि उन पर शादीशुदा रिश्ते की जिम्मेदारियों का बोझ भी पड़ने लगता है, जिसकी वजह से उनके स्वभाव में चिड़चिड़े रहने की भावना शामिल हो जाती है।

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