
कभी-कभी ऐसी स्थितियां भी आती हैं जब विशेष प्रकार की दवाएं न ली जाएं तो बेहतर ही रहता है जैसे कि:-
– गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं को तब तक दवा नहीं लेनी चाहिए जब तक वे बहुत जरूरी न हों। विटामिन तथा लौह तत्व की गोलियां लेने में कोई हानि नहीं है।
– नवजात शिशुओं को तब तक दवाई नहीं दें जब तक डॉक्टर न कहें। ध्यान रखें कि शिशुओं को जरूरत से अधिक दवा कभी नहीं देनी चाहिए।
– जिस व्यक्ति को अल्सर या अम्लशूल का रोग हो, उसे वे दवाएं कभी नहीं लेनी चाहिए जिसमें एस्प्रिन हो।
– यदि किसी व्यक्ति को किसी दवा के सेवन के बाद खुजली या शरीर पर लाल लाल चकत्ते बनने लगें तो उसे वह दवा दोबारा जीवन भर सेवन नहीं करनी चाहिए वरना वह खतरनाक हो सकती है।
– पीलिया के रोगी को प्रतिजीवाणु या अन्य तेज दवाएं नहीं देनी चाहिए क्योंकि जिगर पहले से ही क्षतिग्रस्त होने के कारण ऐसी दवाएं शरीर में जहर फैला सकती हैं।
– ऐसे लोगों को दवाएं लेते वक्त विशेष सावधानी की जरूरत होती है जिन्हें पानी की कमी या गुर्दे की शिकायत हो।
– बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का सेवन खतरनाक हो सकता है।