उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश में कानून की स्थिति का आप अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि एक बाप अपनी बेटी को ढूंढने के लिए पुलिस की मिन्नतें मांगता रहा, पुलिस ने बेटी को ढूंढने के लिए एक लाख रुपये की डिमांड की, बाप के पास पैसे नहीं थे, उसने घर जाकर फांसी लगाना मुनासिब समझा। बाप की मौत के बाद अब अफसर कार्रवाई की बात कर रहे हैं। पूरा मामला बरेली का है। सोमवार को लापता बेटी को खोजने के लिए कथित रूप से 1 लाख रुपये की मांग से परेशान एक बाप ने खुद को फांसी लगा ली। मृतक का नाम शिशुपाल (45) है। वह बरेली के मऊ चांदपुर गांव में रहते थे। अफसरों की मानें तो शिशुपाल की 22 वर्षीय बेटी कई दिनों से लापता है।
परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि शिशुपाल से रामनगर पुलिस चौकी प्रभारी राम रतन सिंह ने एक लाख रुपये की मांग की थी। चौकी प्रभारी ने यह पैसा शिशुपाल की अपहरण की गई 22 वर्षीय बेटी को खोजने के लिए मांगा था। एसएसपी रोहित सिंह सजवान ने कहा कि सब-इंस्पेक्टर को चौकी से हटा दिया गया है और पैसे मांगने के आरोपों की जांच की जा रही है। शिशुपाल की बेटी की अपहरण की प्राथमिकी नौ अप्रैल को आंवला पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। प्राथमिकी में शिशुपाल ने आरोप लगाया था कि बंटी, मुकेश और दिनेश ने उसकी बेटी को बाइक पर अगवा किया था। लड़की को खोजने के एवज में चौकी प्रभारी राम रतन सिंह एक लाख रुपये मांग रहे थे। रुपये की डिमांड से परेशान शिशुपाल ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या की खबर पाकर मौके पर चौकी प्रभारी राम रतन सिंह ही पहुंचे। उसने सुसाइड नोट पाया और उसे फाड़कर अपनी जेब के अंदर रख लिया। बाद में ग्रामीणों ने पुलिसकर्मी को पकड़ लिया और उसे पुलिस को सौंप दिया।