लगातार आ रही सूखी खांसी से हैं परेशान, चाय में मिला कर पिएं ये 4 चीजें

कोलकाता : सर्दियों में बहुत से लोगों को ड्राई कफ की समस्या परेशान करती है। सबसे ज्यादा लोग इस बात की शिकायत करते हैं कि उनका कफ इतना सूख गया है कि ये सीने में जम गया है और कंजेशन पैदा कर रहा है। कई बार ये समस्या खांसी में तुंरत एंटीबायोटिक दवा लेने की वजह से भी हो सकती है। तो, कई बार ये एलर्जी और इंफेक्शन की वजह से भी हो सकती है। ऐसी स्थिति में अगर आप चाय में कुछ चीजों को मिला कर इसका सेवन करें तो इस समस्या से बच सकते हैं।

1. चाय में मिलाएं शहद 

शहद  खांसी और सर्दी के लक्षणों को कम करने का एक प्राकृतिक तरीका है। यह आंतरिक सूजन को कम करके आपके गले की खराश में भी कुछ राहत प्रदान करता है। शहद बलगम को तोड़ता है और इसे बाहर निकालने में मदद करता है। शहद खांसी की गंभीरता और अवधि को कम करने में भी मदद करता है। तो, अपनी पसंदीदा हर्बल चाय में शहद की कुछ बूंदों को मिलाने से भी कफ को ढीला करने, दर्द को शांत करने और खांसी को दबाने में मदद मिल सकती है।

2. चाय में मिलाएं नींबू का रस

नींबू विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है।  विटामिन सी आपकी इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है और फ्लू के लक्षणों को कम करती है। इसके अलावा ये इंफेक्शन और एलर्जी को भी कम करने में मददगार है और जिससे सूखी खांसी की समस्या से राहत मिल सकती है।

3. मुलेठी

मुलेठी स्वाद का मीठा और थोड़ा कड़वा होती है। यह अपने एंटीवायरल और एंटी बैक्टीरियल गुणों  के कारण पारंपरिक रूप से सर्दी और खांसी की समस्या में इस्तेमाल होती है। ये बैक्टीरिया और वायरस के विकास को रोकती है और बलगम को तोड़ कर इसे बाहर निकालने में मदद करती है।

4. नमक

अगर आपको बहुत ज्यादा सूखी खांसी है तो चाय में नमक मिला कर लें। ये बड़ी तेजी से काम करता है और बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है। ये फेफड़ों का ताप बढ़ाता है और बलगम को पिघलाता है। इससे तेजी से बलगम बाहर निकालने में मदद मिलती है।

 

शेयर करें

मुख्य समाचार

Radha Ashtami 2023: राधा अष्टमी पर अगर पहली बार रखने जा …

कोलकाता : हिंदू धर्म में भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी की तिथि को बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व माना गया है क्योंकि इस दिन भगवान आगे पढ़ें »

Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष आज से शुरू, जानें श्राद्ध की सभी तिथियां और विधि

नई दिल्ली : पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष भाद्रपद महीने की पूर्णिमा से शुरू होकर पितृमोक्षम अमावस्‍या तक चलते हैं। 29 सितंबर यानी कल से आगे पढ़ें »

ऊपर