
नई दिल्ली : झारखंड में दस हजार लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मामला लगा दिया गया है। इसे लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने झारखंड सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि कोई सरकार ऐसा कैसे कर सकती है। उन्होंने कहा कि कोई सरकार 10 हजार लोगों पर राजद्रोह का ऐसा कठोर मामला कैसे लाद सकती है। राहुल ने कहा कि वे लोग सरकार की नीतियों पर विरोध जता रहे थे। ये हमारे लिए एक देश के तौर पर चिंता की बात है। सभी लोगों को इस पर अपनी आवाज उठानी चाहिए।
मामला पत्थलगढ़ी आंदोलन से संबंधित
गौरतलब है कि झारखंड के खूंटी जिले में जून 2017 से जुलाई 2018 के बीच 10 हजार से अधिक लोगों पर राजद्रोह का मुकदमा दायर किया गया है। यह मामला खूंटी जिले के पत्थलगढ़ी आंदोलन से संबंधित है। 2017 में यहां पर आंदोलन की शुरुआत की गयी थी। अब यहां के गांव के लोगों का कहना है कि वे विधानसभा चुनावों का बहिष्कार कर सकते हैं।
आदिवासियों को है विशेष अधिकार
दरअसल पत्थलगढ़ी, यहां के आदिवासियों की पुरानी परंपरा है। इस परंपरा के तहत गांव का सीमांकन कर पत्थर पर लिखकर बाहरी लोगों के प्रवेश को वर्जित बताया जाता है। झारखंड में यह परंपरा पुरानी है लेकिन बीते कुछ वर्षों में यहां इस परंपरा में तेजी देखी गई है।
गौरतलब है कि भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत इस क्षेत्र में आदिवासियों को विशेष स्वायत्तता प्रदान की गई है। यहां पर 2017 में शुरू किए गए आंदोलन के बाद पुलिस ने 10 हजार से अधिक लोगों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया है।
झारखण्ड में 30 नवंबर को विधानसभा चुनाव का पहला चरण
उल्लेखनीय है कि झारखंड में 30 नवंबर से शुरू होने जा रहे विधानसभा चुनाव 5 चरणों में सम्पन्न होंगे। इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के महागठबंधन से टक्कर होने वाली है। बीजेपी का आजसू से गठबंधन टूट गया है। वहीं बीजेपी से अलग पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी भी इस बार मैदान में उतरे हैं। जेडीयू और एलजेपी भी चुनावी मैदान में अलग से लड़ती नजर आएगी। बीजेपी के समक्ष अपनी सरकार बनाए रखने की चुनौती है।