
कोलकाता : सुखद दांपत्य जीवन में ही सफलता का रहस्य छिपा हुआ है। जो लोग इस बात को जानते हैं वे जीवन का पूर्ण आनंद उठाते हैं। जिन लोगों के दांपत्य जीवन में कलह और तनाव की स्थिति बनी रहती है, वे हमेशा परेशान और तनाव में रहते हैं। धन, पद और प्रतिष्ठा होने पर भी ऐसे लोग जीवन का सच्चा सुख प्राप्त नहीं कर पाते हैं।
ग्रहों की चाल का प्रभाव
ग्रहों की चाल सभी पर अपना प्रभाव डालती है। जन्म कुंडली में जब ग्रहों की चाल शुभ होती है तो व्यक्ति को दांपत्य जीवन में खुशियां प्राप्त होती हैं। वहीं जब ग्रहों का फल नकारात्मक प्राप्त होने लगता है तो पति और पत्नी के रिश्तों में दरार आना आरंभ हो जाता है। इसलिए ग्रहों की दशाओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
गुरु और शुक्र ग्रह की भूमिका
गुरु को अत्यंत शुभ ग्रह माना गया है। इसे बृहस्पति ग्रह के नाम से भी जाना जाता है। बृहस्पति ग्रह को देवताओं का गुरु माना गया है। शादी विवाह और मांगलिक कार्यों में गुरु की भूमिका और स्थिति का विशेष ध्यान रखा जाता है। वहीं शुक्र ग्रह को सुखद वैवाहिक जीवन का कारक माना गया है। ये प्रेम और रोमांस का भी कारक माना गया है। इसलिए इस ग्रह की स्थिति का भी ध्यान रखा जाता है।
शनिदेव और मंगल ग्रह
शनि और मंगल ग्रह का भी ध्यान रखना चाहिए। जन्म कुंडली के 1,4,7 और 10 वें भाव में जब इन ग्रहों की दृष्टि होती है तो भी दांपत्य जीवन में उतार चढ़ाव की स्थिति देखी जाती है। इसके साथ ही कुंडली के 12वें भाव में बैठे शुभ-अशुभ ग्रह भी दांपत्य जीवन को प्रभावित करते हैं। सुखद दांपत्य जीवन के लिए इन उपाय को अपनाना चाहिए।
उपाय-
– विधि पूर्वक एकादशी का व्रत रखें।
– गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें।
– शनिवार के दिन शनि देव की पूजा करें और शनि से जुड़ी चीजों का दान करें।
– शुक्र को मजबूत बनाने के लिए मां लक्ष्मी की पूजा करें।
– गलत कार्यों से दूर रहें।
– धोखा देना और झूठ बोलने की आदत से दूर रहना चाहिए।
– घर में सत्यनारायण की कथा का आयोजन करना चाहिए।
– जरूरतमंद लोगों को दान देना चाहिए।