नई दिल्ली : कोरोनावायरस से जूझ रहे भारत के कई राज्यों में लॉकडाउन लगा है। फिर भी बहुत सारे लोगों का एक शहर से दूसरे शहर आना-जाना जारी है, मजबूरी है। कई लोग परिवार के दूसरे सदस्यों के बीमार हो जाने के कारण आना-जाना कर रहे हैं, तो कई किसी के गुजर जाने के कारण। हकीकत यही है कि अफरा-तफरी है। ऐसे में वैक्सीनेशन का जो काम चल रहा है, वह भी प्रभावित हो रहा है। ऐसे में हम आपको दे रहे हैं वैक्सीनेशन से जुड़े आपके हर छोटे सवाल का जवाब, जिससे आपको काफी मदद मिलेगी।
सवाल- मैंने दिल्ली में वैक्सीन का पहला डोज लिया था, क्या मैं अब दूसरे शहर में वैक्सीन का दूसरा डोज ले सकता हूं?
जवाब- हां, आप देश के किसी भी दूसरे शहर में वैक्सीन का दूसरा डोज ले सकते हैं। हालांकि, दूसरी डोज लेते वक्त ये ध्यान में रहे कि आपने जिस वैक्सीन की पहली डोज ली है, दूसरी डोज भी उसी वैक्सीन की ही हो। उदाहरण के तौर पर मान लीजिए आपने दिल्ली में कोविशील्ड की पहली डोज ली थी और अब आप चेन्नई में हैं। तो आपको चेन्नई में दूसरी डोज भी कोविशील्ड की ही लेनी होगी। वैक्सीनेशन की पहली और दूसरी डोज में वैक्सीन बदलनी नहीं चाहिए।
सवाल- वैक्सीन की पहली डोज लगवाने के बाद दूसरी डोज कब लगवानी चाहिए?
जवाब- वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने का समय इस बात पर निर्भर करता है कि आपने पहली खुराक कौन-सी वैक्सीन की ली है। भारत में अभी कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगाई जा रही है। यदि आपने कोविशील्ड की पहली डोज ली है तो आप इसकी दूसरी डोज 4 हफ्ते से 8 हफ्ते के बीच कभी भी ले सकते हैं। विशेषज्ञों की मानें तो कोविशील्ड की दूसरी खुराक लेने में जितना ज्यादा समय लगेगा, ये उतनी ही ज्यादा प्रभावशाली होगी। वहीं दूसरी ओर, यदि आपने पहली डोज कोवैक्सीन की ली है तो आप इसकी दूसरी डोज 4 से 6 हफ्ते के भीतर कभी भी ले सकते हैं।
सवाल- पहली डोज लेने के बाद यदि दूसरी डोज न ले पाएं तो क्या होगा?
जवाब- वैक्सीनेशन को लेकर यह सवाल काफी कॉमन हो चुका है। लोग वैक्सीन की दूसरी डोज को लेकर कई तरह के सवाल पूछ रहे हैं जिनमें ये सवाल भी शामिल है। इस सवाल पर क्रिस्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर (तमिलनाडु) की डॉ. गगनदीप कांग कहती हैं कि वैक्सीन की दूसरी खुराक में देरी होने पर चिंता करने की कोई खास बात नहीं है। उन्होंने बताया कि ये सिर्फ आपके शरीर में एंटीबॉडी बनाने की प्रक्रिया को रोक देती है। हालांकि, इससे आपकी सुरक्षा में कोई कमी नहीं आती है। डॉ. कांग ने कहा कि यदि आप पहली खुराक लेने के लिए दो साल के भीतर दूसरी खुराक नहीं लेते हैं तो आपको शायद दोबारा पहली डोज लगवानी पड़ सकती है।
अब वैक्सीन की किल्लत से जूझ रहा है देश
देश में वैक्सीन की कमी टीकाकरण अभियान को धीमा करने का सबसे बड़ा कारण है। भारत में 1 मई से 18+ लोगों के लिए भी टीकाकरण की शुरुआत कर दी गई है जिसके बाद से ही देश के ज्यादातर राज्य अब वैक्सीन की भारी कमी से भी जूझ रहे हैं। पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध न होने की वजह से लोगों को स्लॉट नहीं मिल रहे हैं। इसके अलावा कई राज्यों में तो वैक्सीन न होने की वजह से लोगों को बुकिंग के बाद भी निराश होकर वापस घर लौटना पड़ रहा है।
वैक्सीनेशन से जुड़े यह सवाल, आप भी जानना चाहते है इनका जबाव
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