भगवान ने हमें सुनने के लिए दो कान दिए हैं। यदि कान के महत्व को देखा जाय तो आप ऐसा अनुमान करके देखें कि आपकी सुनने की शक्ति चली गयी। ऐसी स्थिति में आपका जीवन कैसा होगा? मानो पूरा संसार शून्य हो गया हो, इसलिए हमें कानों की देखभाल अच्छी तरह से करनी चाहिए, तो आइए जानते हैं कानों की देखभाल करने का सही तरीका कै।
कानों की सही देखभाल
कान से कम सुनाई देना, कान में दर्द होना कुछ अन्य आम समस्याएं होती हैं जो किसी न किसी प्रकार कान बहने की समस्या से जुड़ी होती हैं। कान के बाहर या भीतर पानी जैसे रंगहीन तरल पदार्थ या मवाद या खून के रिसाव को ही आम बोलचाल की भाषा में कान बहना कहते हैं। प्रायः कान बहने की समस्या अधिकतर लोगों में देखी जाती है, जिसका शिकार कोई भी व्यक्ति हो सकता है, परन्तु बच्चों, कुपोषित लोगों, मियादी बुखार के रोगियों तथा तैराकों में इसके होने की संभावना ज्यादा होती है। वायु प्रदूषण, एलर्जी की समस्याएं, गले में संक्रमण, जैसे बुखार, कुपोषण तथा अस्वास्थ्यकर परिस्थितियां भी कान बहने में अहम भूमिकाएं निभाती हैं। कई बार भी कान बहने का कारण बन सकता है।
गरम पानी : पानी को हल्का-सा गुनगुना करें और रूई की सहायता से कान के अंदर डालें। कुछ समय तक कान को ऐसे ही रहने दें और कुछ सेकंड बाद कान से उलटकर पानी को बाहर निकाल दें। यह कान की सफाई का सबसे आसान तरीका है।
उलटकर बचे हुए घोल को कान से बाहर निकाल दें। यह तरीका कान की सफाई के लिए काफी प्रयोग में लाया जाता है।
तेल : जैतून, मूंगफली या सरसों के तेल में थोड़ा सा लहसुन डालकर तड़का लें। अब इस तेल को गुनगुना रहने पर रूई की सहायता से कान में डालें और ढंक लें। ऐसा करने से कान का मैल असानी से बाहर आ जाएगा।