बिहार की स्वर कोकिला की आवाज़ छठ गीतों में हमेशा जिंदा रहेगी | Sanmarg

बिहार की स्वर कोकिला की आवाज़ छठ गीतों में हमेशा जिंदा रहेगी

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बिहार कोकिला के नाम से विख्यात शारदा सिन्हा का निधन हो गया। आज भी उनके द्वारा गाए गये गीतों को बड़े प्रेम से सुना जाता है। छठ पर्व की दस्तक के साथ ही शारदा सिन्हा के गाने हर तरफ आपको सुनने को मिल जाएगा। छठ पर्व के पहले दिन ही उनके निधन से हर कोई स्तब्ध हैं। आज भी उनके गानों के बिना छठ पर्व अधूरा है। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया और उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि उनकी आवाज और छठ महापर्व से जुड़े सुमधुर गीत सदैव लोगों के दिलों में गूंजते रहेंगे। साथ ही देशभर के तमाम नेताओं ने दुख व्यक्त किया। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले के हुलास गांव के एक समृद्ध परिवार में हुआ था। उनके पिता सुखदेव ठाकुर शिक्षा विभाग में एक वरिष्ठ अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। बचपन से ही उनका नृत्य और गायन के प्रति काफी लगाव था।

● 62 छठ गीत गाए : शारदा सिन्हा ने अपने पूरे करियर में टी-सीरीज, एचएमवी और टिप्स द्वारा जारी नौ एल्बमों में 62 छठ गीत गाए हैं।

● मैंने प्यार किया के लिए मिला था 76 रुपए : शारदा सिन्हा ने बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में सबसे पहला गाना मैंने प्यार किया में गाया था। इस फिल्म में गीत गाने के लिए उन्हें उस वक्त 76 रुपए मिले थे। उन्होंने हम आपके हैं कौन और गैंग्स ऑफ वासेपुर में लोकप्रिय गीत गाए।

● पति के निधन के बाद सदमे में थी : हाल ही में शारदा सिन्हा के पति बृज किशोर सिन्हा का भी निधन हो गया था। जिसके बाद से वह सदमे में थीं। उनके निधन पर बेटे ने कहा, आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे।

● पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित : शारदा सिन्हा ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से संगीत में पीएचडी किया। 1991 में शारदा सिन्हा को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था और साल 2018 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

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