नोएडा : नोएडा के कमांडेंट ऑफिस में होमगार्ड वेतन घोटाले से जुड़ी फाइलों में आग लगाने वाले प्लाटून कमांडर राजीव कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। मंगलवार को डीजीपी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अवैतनिक प्लाटून कमांडर राजीव कुमार ने 18 नवंबर को परिसर में खड़ी बाइक से पेट्रोल निकालकर दस्तावेजों में आग लगाई थी।
थाने के रिकॉर्ड और मस्टर रोल की जांच में खुलासा
गौतमबुद्ध नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) वैभव कृष्ण ने बताया कि जिला गौतमबुद्ध नगर में होमगार्डों की डूटी लगाने को लेकर ‘मस्टररोल’ में हेरफेर कर करोड़ों का घोटाला हुआ है। इस मामले में थाना सूरजपुर में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने होमगार्ड विभाग के मंडलीय कमांडेंट राम नारायण चौरसिया सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। थाने के रिकॉर्ड और मस्टर रोल की जांच में इसका खुलासा हुआ है। सूत्रों ने बताया कि थाने में जितने होमगार्डों की ड्यूटी लगाई गई थी, उससे तीन गुना से अधिक का वेतन बनाया गया। अन्य थानों के मस्टर रोल की भी जांच की जा रही है।
राजीव ने ही की थी शिकायत
उन्होंने बताया कि इस घोटाले से जुड़ी फाइलों को नष्ट करने के उद्देश्य से जिला होमगार्ड कमांडेंट कार्यालय में आग लगा दी गई जिसमें इस घोटाले से जुड़ी महत्वपूर्ण फाइलें जलकर नष्ट हो गई। उन्होंने बताया आगजनी की घटना की जांच कर रही सूरजपुर थाना पुलिस ने आज होमगार्ड विभाग के प्लाटून कमांडर राजीव को गिरफ्तार किया। गौरतलब है कि राजीव ने ही इस घोटाले की शिकायत भी की थी।
घटना हुई सीसीटीवी कैमरे में कैद
पूछताछ के दौरान गिरफ्तार राजीव ने पुलिस को बताया है कि उसे आशंका थी कि वेतन घोटाले में छोटे कर्मचारियों को फंसाया जाएगा जबकि बड़े लोगों को छोड़ दिया जाएगा। इसी डर से उसने इस घोटाले से संबंधित फाइलों में आग लगा दी थी। उसने जिला होमगार्ड कमांडेंट कार्यालय में खड़ी एक मोटरसाइकिल से पेट्रोल निकालकर आग लगाई थी। वह उक्त घटना को अंजाम देते समय वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुआ था।
कंपनी कमांडर ने किया सरेंडर
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि वेतन घोटाले में जिला कमांडेंट कार्यालय के 10 अधिकारी-कर्मचारी पुलिस के रडार पर थे। छानबीन के दौरान पाया गया कि इसमे कंपनी कमांडर सुशील कुमार सिंह की भूमिका देखी जा रही है। पुलिस सारी तैयारी करके उसके ठिकाने पर दबिश देेने ही वाली थी कि वह वहां से भाग निकला। इसके बाद पुलिस ने उसके जानकीपुरम, मड़ियांव और इंदिरानगर में चार ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिला। पुलिस ने अपने तरीके से दबाव बढ़ाया तो सोमवार को कंपनी कमांडर ने सरेंडर कर दिया।
दस्तावेजों की गहराई से पड़ताल
इस बीच गोमतीनगर पुलिस ने जिला कमांडेंट कार्यालय से जब्त महत्वपूर्ण फाइलें, मस्टररोल व अन्य दस्तावेजों की गहराई से पड़ताल की। फाइलों और मस्टररोल में किन-किन अधिकारियों या कर्मचारियों के हस्ताक्षर हैं? उनका ब्योरा जुटाया जा रहा है। एसएसपी का कहना है कि चिह्नित अधिकारियों-कर्मचारियों की भूमिका स्पष्ट होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मस्टर रोल में किया फर्जीवाड़ा
जिला होमगार्ड कमांडेंट कार्यालय ने गोमतीनगर थाना के मस्टर रोल में भी फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपये हड़पे थे। थाने के रिकॉर्ड और मस्टर रोल की जांच में इसका खुलासा हुआ है। सूत्रों ने बताया कि थाने में जितने होमगार्डों की ड्यूटी लगाई गई थी, उससे तीन गुना से अधिक का वेतन बनाया गया। अन्य थानों के मस्टर रोल की भी जांच की जा रही है।
होमगार्ड वेतन घोटाले में पुलिस ने विभाग के प्लाटून कमांडर को किया गिरफ्तार
Visited 376 times, 1 visit(s) today