पटना : बिहार के उग्रवाद प्रभावित जिलों में चल रही पथ निर्माण योजनाओं की गति आने वाले समय में और तेज होगी।
बिहार के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने शनिवार को यहां उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लिए सड़क योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि उग्रवाद प्रभावित जिलों में चल रही पथ निर्माण योजना की गति को तेज किया जायेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य के पांच जिलों- औरंगाबाद, गया, मुजफ्फरपुर, जमुई और बांका के लिए 1639 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित 1038 किलोमीटर की 64 अदद पथ निर्माण की योजना है, जिसमे में 41 पुलों का भी निर्माण किया जाना है। इसमें से अब तक 353 किलोमीटर पथों में काम पूरा हो चुका है। नंदकिशोर ने बताया कि जनवरी 2019 में कैमूर, रोहतास, नवादा और जमुई में 852 किलोमीटर लंबे पथ के निर्माण की अतिरिक्त 75 पथों, जिसमें 9 पुल भी शामिल है, को योजना में शामिल किए जाने की सहमति प्रदान की गयी है। इसमें से 51 अदद पथों, जिनकी लंबाई 600 किलोमीटर है और 2257 मीटर की लंबाई वाले 34 पुल शामिल है, का 790 करोड़ रुपये का डीपीआर तैयार कर केंद्र सरकार को समर्पित किया गया है। शेष 250 किमी पथ में से 165 किमी (पांच पथ) को योजना में शामिल करने के लिए औरंगाबाद, कैमूर, एवं बांका से जिला समिति की अनुशंसा के बाद केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है। उन्होंने केंद्र से स्वीकृति मिलने वाली योजनाओं के लिए प्रमंडल स्तर से तकनीकी स्वीकृति एवं निविदा के लिए तैयारी पूरी करने का भी निर्देश दिया।
उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में पथ निर्माण योजनाओं की गति होगी तेज
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